अयोध्या: सोहावल तहसील क्षेत्र अंतर्गत राजस्व गांव खिरौनी पर तैनात लेखपाल जितेंद्र विश्वकर्मा द्वारा भूमि की नाप करने की एवज में सरेराह घूस मांग कर दिनदहाड़े घूस लिए जाने का ऑडियो एवं वीडियो वायरल होने के मामले में तहसील के अधिकारियों ने अभी तक कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझा है। प्रशासनिक अधिकारियों ने माताओं द्वारा विभाग की फजीहत कराने के बावजूद भी प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
उधर दूसरी ओर आरोपी लेखपाल अब क्षेत्र में घूम घूम कर राजनीतिक लोगों एवं दलालों की चरण वंदना करके मामले को दबाने की जुगत में जुड़ा हुआ है। वहीं दूसरी ओर पीड़ित काश्तकार के बेटे ने जिलाधिकारी से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं सचिव राजस्व परिषद को शिकायती प्रार्थना पत्र भेजकर बेअंदाज व मनबढ़ लेखपाल के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही किए जाने की गुहार की है।
बताते चलें कि सोहावल तहसील क्षेत्र अंतर्गत राजस्व गांव खिरौनी पर लेखपाल जितेंद्र विश्वकर्मा की तैनाती है ग्राम वासी काश्तकार ने सोहावल नवा कुआं मार्ग पर सड़क के किनारे अपनी खाते की भूमि में से कुछ अंश आज से लगभग 20 वर्ष पूर्व धार पुर निवासी महिला अजीजुल निशा के पक्ष में बैनामा कर दिया था। जिसमें अब बेनामीदार द्वारा निर्माण कार्य शुरू कराए जाने की पहल की गई। जिस पर खातेदार के पुत्र अखिल सिंह ने बेनामीदार से कहा कि क्षेत्रीय लेखपाल को बुलाकर सरसरी नाप जोख करा दी जाए। क्रेता विक्रेता की सहमति के बाद विक्रेता हरिश्चंद्र के पुत्र अखिल सिंह ने क्षेत्रीय लेखपाल जितेंद्र विश्वकर्मा से मोबाइल पर फोन कर लाख किए जाने की बात कही।
जिस पर लेखपाल जितेंद्र विश्वकर्मा ने नाप जोख के एवज में पैसे कौड़ी की मांग कर डाली अगले दिन काश्तकार के बेटे अखिल सिंह ने लेखपाल जितेंद्र विश्वकर्मा से फिर संपर्क किया जहां उन्होंने अखिल को रेलवे क्रॉसिंग सोहावल के पास बुला लिया और नाप करनें में सुविधा शुल्क के नाम 25 सौ रूपए की मांग की। काश्तकार के बेटे अखिल के पास मात्र एक हजार रूपए थे और उसने सरेराह क्षेत्रीय लेखपाल जितेंद्र विश्वकर्मा को थमा दिए। लेखपाल द्वारा पीड़ित काश्तकार की बेटे से सरेराह घूस लिए जाने का वीडियो और ऑडियो वायरल हो गया। लेखपाल द्वारा पीड़ित काश्तकार से घूस मांग करते हुए नकद रुपए लिए जाने का वायरल ऑडियो एवं वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। किंतु तहसील के प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने मातहत के विरुद्ध भी कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझा है।
दूसरी ओर तहसील के प्रशासनिक अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी लेखपाल के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने हैं जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री का दरवाजा खटखटाया है पीड़ित काश्तकार पुत्र ने आरोपी लेखपाल के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने हेतु जिलाधिकारी मंडल आयुक्त राजस्व परिषद सचिव सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकायत की प्रार्थना पत्र भेजकर कार्यवाही की गुहार की है। अब देखना है कि तहसील के प्रशासनिक अधिकारी घूस के आरोपी लेखपाल पर कार्रवाई की तलवार चलाते हैं अथवा उसे अभयदान देंगे।