मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ पर उनकी टिप्पणी की वजह से चुनाव आयोग ने अपना चाबुक चलाया है। उनकी अभद्र टिप्पणी की वजह से उन्हें आयोग ने अब स्टार प्रचारकों की फेहरिस्त से बाहर कर दिया है। हालांकि, ऐसा कतई नहीं है कि आयोग के इस फरमान के बाद वे चुनाव प्रचार नहीं कर सकते हैं। वे प्रचार कर सकते हैं, लेकिन इसका खर्चा उन्हें खुद ही वहन करना होगा। अब पहले की तरह इसका खर्चा पार्टी प्रत्याशी नहीं उठाएंगे। आयोग ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई आचार संहिता के उल्लंघन पर की है।
ऐसी-ऐसी अभद्र टिप्पणियां दी थी
यहां पर हम आपको बताते चले कि गत दिनों कमलनाथ ने जमकर आचार संहिता का उल्लंघन किया। एक तरफ जहां बीजेपी नेता इमरती देवी को आइटम कहा तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नौटंकी बताया। उनके इस तरह के बयान को संज्ञान में लेते हुए अब चुनाव आयोग उन्हें स्टार प्रचारकों की फेहरिस्त से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। आचार संहिता के अनुच्छेद के तहत यह कार्रवाई कमलनाथ पर की गई है। यहीं नहीं, आयोग ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि ऐसे शब्दों का इस्तेमल करने से परहेज करें।
फिर कमलनाथ ने क्या कहा?
उधर, चुनाव आयोग की इस कार्रवाई पर कमलनाथ ने कहा कि अगर आयोग ने मेरे पूरे भाषण को सुना होता तो उसे समझ आ जाता कि मैंने किसी भी दुर्भावना से प्रेरित होकर किसी प्रकार का कोई बयान नहीं दिया। यहां तक की सुप्रीम कोर्ट भी अपने फैसले में साफ कर चुका है कि चुनावी सरगर्मियों के बीच कई तरह के ऐसे मामले सामने आते रहते हैं। उधर, अपना बचाव करते हुए कलमनाथ कहा कि मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।