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पंजाब में Blackout का खतरा! दो थर्मल प्लांट ठप, बाकी में कोयले की भारी कमी- बिजली खरीदने के लिए पॉवरकाम ने मांगे सरकार से 200 करोड़

पंजाब में मालगाड़ियों की आवाजाही बंद होने के कारण राज्य के थर्मल प्लांट कोयले की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। इसके चलते राज्य में बिजली का गंभीर संकट खड़ा होने के आसार पैदा हो गए हैं। रेलवे के एक प्रवक्ता ने यह भी साफ किया है कि मीडिया में मालगाड़ियों की बहाली की खबरें निराधार हैं।

सांकेतिक तस्वीर।

पीएसपीसीएल के सीएमडी ए वेणु प्रसाद ने बताया कि अधिकांश थर्मल प्लांटों के पास इस समय दो-चार दिन का ही कोयला बचा है। थर्मल प्लांट अपनी न्यूनतम क्षमता के साथ चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोयले की आपूर्ति बहाल न हुई तो राज्य में बिजली का गंभीर संकट पैदा हो सकता है। उन्होंने बताया कि राज्य में प्रतिदिन 6000 मेगावाट बिजली की जरूरत है और सरकार अन्य स्त्रोतों से 5000 मेगावाट बिजली की व्यवस्था कर रही है। पावरकॉम के चेयरमैन ए. वेणू प्रसाद ने पंजाब सरकार से 200 करोड़ रुपए की मांग की है।

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने स्वामित्व वाले रोपड़ और लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांटों को बंद कर दिया गया है और फिलहाल राजपुरा, तलवंडी साबो और गोइंदवाल के निजी थर्मल प्लांटों से बिजली हासिल कर रही है। पावरकॉम सूत्रों मुताबिक मानसा के तलवंडी साबो थर्मल पावर प्लांट में एक तिहाई दिन के लिए 10, 552 टन कोयला बचा है। राजपुरा प्लांट में कोयला खत्म हो गया है। गोइंदवाल साहिब प्लांट में 18,294 मीट्रिक टन कोयला मौजूद है। बठिंडा के लहरा मोहब्बत और रूपनगर के प्लांट में पहले से ही उत्पादन बंद है। दरअसल पिछले करीब एक महीने से पंजाब में माल गाडिय़ों पर ब्रेक लगी हुई है, हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की तरफ से की गई अपील के बाद किसान माल गाडिय़ों को रास्ता देने पर राजी हो गए थे, परन्तु 24 अक्तूबर को कुछ स्थानों पर किसानों ने फिर से माल गाडिय़ां रोकीं। इससे रेलवे ने पंजाब में माल गाडिय़ों की सेवाएं रोक दीं।

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बता दें कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर पंजाब में मालगाड़ियों की आवाजाही बहाल करने की मांग की है। उन्होंने रेलों की आवाजाही रुकने से पैदा हो रहे बिजली संकट का भी जिक्र अपने पत्र में किया है और चेतावनी दी है कि आंदोलनकारी किसानों ने राज्य सरकार की अपील मानते हुए मालगाड़ियों को रेल रोको आंदोलन से छूट दे दी थी। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा बिना किसी कारण के अचानक पंजाब में मालगाड़ियां रोककर आंदोलनरत किसानों को भड़काने की कोशिश की है।