इंसाफ की गुहार लगा रहे पीड़िता के परिजनों का विश्वास अब डगमगा गया है, लिहाजा अब इन्होंने पुलिस प्रशासन के सामने शर्तों का पुलिंदा खोलकर रख दिया है। पीड़िता के परिजनों का साफ कहना है कि जब तक उनकी बेटी को इंसाफ नहीं मिल जाता। जब तक इन दरिंदों को इनके किए की सजा नहीं मिल जाती। जब तक इस मामले में लापरवाही का रवैया अख्तियार करने वाले किरदारों को उनके गुनाहों की सजा नहीं सुनाई जाती, तब तक वे अपनी बेटी की अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे।
बता दें कि पीड़िता के परिजनों ने इस बात का ऐलान कल सोमवार को देर रात लखनऊ की अदालती कार्रवाई में शामिल होने के बाद किया। पीड़िता के परिजनों ने वहां पर इस संदर्भ में अपना बयान दर्ज करवाया है। कहा कि उनकी इजाजत के बगैर ही प्रशासन ने उनकी बेटी के शव का दाह संस्कार करा दिया। उन्हें तो इस बात को लेकर भी शक था कि आखिर यह उनकी बेटी का शव है कि या फिर किसी और का। मालूम हो कि यह बयान पीड़िता के परिजनों की तरफ से दिए जा चुके हैं। पीड़िता के परिजन सोमवार को यूपी पुलिस की कड़ी सुरक्षा में सुबह 5:30 बजे हाथरस से लखनऊ के लिए रवाना हुए।
पहले भी किया था अस्थियां लेने से इनकार
याद दिला दें कि इससे पहले भी पुलिस-प्रशासन द्वारा बलपूर्वक पीड़िता के शव का दाह संस्कार कराए जाने से खफा हुए परिजनों ने अपनी बेटी की अस्थियां उठाने से साफ इनकार कर दिया था, लेकिन पुलिस-प्रशासन के समझाने-बुझाने के बाद परिजन अपनी बेटी की अस्थियां उठाने के लिए सहमत हुए। वहीं, अब जब पीड़िता के परिजनों ने साफ कह दिया है कि जब तक उनकी बेटी को इंसाफ नहीं मिल जाता, तब तक वे अपनी बेटियों की अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे।