लद्दाख में एलएसी पर जारी तनाव के बीच भारतीय वायुसेना अपनी तैयारियों को और धार दे रही है। इलाके के चप्पे चप्पे से रूबरू होते हुए भारतीय वायुसेना के विमान रात के अंधेरे में सन्नाटे को चीरते हुए आसमान में उड़ान भर रहे हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control, LAC) पर तैनात भारतीय वायुसेना के जाबांज पायलट चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए मुस्तैद हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ की टीम ने लेह एयरबेस का दौरा किया जहां वायुसेना सर्दियों की आहट के बीच अपनी तैयारियों को पुख्ता करने में जुटी हुई है। टीम ने देखा कि एयरबेस पर नियमित अंतराल से वायुसेना के ग्लोब मास्टर विमान उड़ान भर रहे हैं और रसद औश्र जरूरी सामानों की आपूर्ति को सुनिश्चित कर रहे हैं। आसमान में लड़ाकू विमान उड़ान भर रहे हैं जिनकी गर्जना से रह रह कर इलाका कांप जाता है।
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, वायुसेना के अपाचे अटैक, चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर, सी -17 ग्लोबमास्टर, इल्यूशिन -76 और एंटोनियो-32 परिवहन विमान भी उड़ान भर रहे हैं। बीच बीच में लड़ाकू MIG-29 विमान अपनी गर्जना से आसमान को थर्रा रहे हैं। MIG-29 विमान के पायलट लेफ्टिनेंट हरपभ सिंह कहते हैं कि वायुसेना हर तरह की परिस्थिति और खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। लेह एयरफोर्स बेस के मुख्य परिचालन अधिकारी ग्रुप कैप्टन ए राठी ने कहा कि मौसम में बदलाव के कारण चुनौतियां बढ़ रही हैं। हमारे एयर फाइटर्स का मनोबल ऊंचा है। उन्नत उपकरणों से लैस वायुसेना उन्हें हर तरह से दुश्मन का सामना करने की ताकत देती है…
फ्लाइट लेफ्टिनेंट नेहा सिंह जो चीता हेलिकॉप्ट (cheetah helicopters) को ऑपरेट करती हैं… उनका कहना है कि वायुसेना के फाइटर पायलट हर प्रतिकूल परिस्थितियों को बेहतर तरीके से संभालने के लिए पूरी तरह तैनात हैं। सर्दियों के महीने में हम बर्फबारी और कम दृश्यता जैसी नई चुनौतियों का सामना करेंगे लेकिन भारतीय वायुसेना हर तरह की चुनौतियों को मात देती रही है… हम भी इसके लिए तैयार हैं।