इस साल मार्च के महीने में बिहार के सभी अखबारों के पहले पेज पर एक विज्ञापन छपा और एक युवती खुद को बिहार के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर सुर्खियों में छा गई. पुष्पम प्रिया चौधरी (Pushpam Priya Chaudhary) से बिहार की जनता का परिचय कुछ इस अंदाज में हुआ. इसके बाद से वो बिहार में काफी सक्रिय नजर आईं. बिहार के सियासी रण में उतरीं पुष्पम प्रिया ने प्लूरल्स (PLURALS) नाम की एक पार्टी बनाई और सीधे खुद को बिहार के मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर दिया. सड़कों पर घूमकर बिहार के बदलाव की बात करने वाली पुष्पम प्रिया चुनाव के लिए जमकर मेहनत कर रही हैं.
लंदन पढ़कर लौटी हैं पुष्पम प्रिया
दरभंगा जिले की रहने वाली पुष्पम प्रिया, जदयू (JDU) के नेता और विधान परिषद के सदस्य रह चुके विनोद चौधरी की बेटी हैं. प्लूरल्स की वेबसाइट के मुताबिक, पुष्पम ने लंदन के मशहूर लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है. पंख लगा हुआ घोड़ा इनकी पार्टी का चिन्ह है और वो बिहार में बदलाव की गति को उड़ान देने के वादा कर रही हैं.
उनका कहना है कि वह राज्य के विकास के लिए सकारात्मक राजनीति करेंगी. वो बिहार की मुख्यमंत्री बनने पर अगले 10 वर्षों में बिहार को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने के दावा कर रही हैं. बतौर पुष्पम, 2030 तक बिहार को यूरोपीय देशों के बराबर बना दिया जाएगा.
बांकीपुर विधानसभा सीट से मैदान में
पुष्पम प्रिया चौधरी ने पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का एलान किया है और उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. पुष्पम ने मार्च में अपने जनसंपर्क अभियान की शुरुआत सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से की थी. बिहार में बदलाव की बात करने वाली पुष्पम की उम्र करीब 28 वर्ष है. ये देखना रोचक होगा कि उनकी पार्टी कितनी सीटें जीत पाती है.