सीआरपीएफ दक्षिणी कश्मीर में आतंकियों की रीढ़ तोड़ने के लिए मजबूत रणनीति बना रहा है। सुरक्षा बल दक्षिणी कश्मीर के कई इलाकों में अपने स्थायी कैंप बनाना चाहता है। वहीं, कई अन्य इलाकों में भी अपने अस्थायी कैंप के जरिये आतंकियों पर दबाव बनाने की योजना बनाई गई है।
इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के कोर गढ़ में घुसकर सुरक्षा बल अपना वर्चस्व स्थापित कर रहे हैं। इसके अलावा पूरे कश्मीर के लिए सुरक्षा बल ने आतंकरोधी रणनीति नए सिरे से तैयार की है। सूत्रों ने कहा, कश्मीर में 20 स्थानों की सूची प्रदान की गई है, जहां प्रस्तावित बटालियन कैंप स्थापित किए जाने हैं। जम्मू के भी कुछ इलाकों में कैंप स्थापित करने का प्रस्ताव है। पुलवामा और शोपियां, श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल, बांदीपोरा, बारामूला, कुपवाड़ा, कुलगाम में कई स्थानों पर बटालियन कैंप स्थापित करने का प्रस्ताव है।
दरअसल सीआरपीएफ चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में बहुत लंबे समय तक तैनाती को देखते हुए बटालियन कैंप साइट की जरूरत है। बटालियन के लिए पर्याप्त आधारभूत ढांचे की जरूरत भी बताई गई है। सूत्रों का कहना है कि प्रस्तावित बटालियन कैंप न केवल सीआरपीएफ जवानों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा बनाने के लिए है, बल्कि उनका मनोबल बनाए रखने में भी मदद करेगा। यहां पर्याप्त आधारभूत ढांचे की मौजूदगी में सीमित समय के साथ परिवार को भी रखा जा सकता है।
सूत्रों ने कहा जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में सुरक्षाबल, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना मिलकर आतंकियों की कमर तोड़ने में कामयाब हुए हैं, लेकिन दक्षिण कश्मीर के कई इलाके ऐसे हैं जहां अभी भी आतंकियों को पनाह मिल रही है।सुरक्षा बल से जुड़े सूत्रों ने कहा कि आतंकी लगातार घाटी में अपनी रणनीति बदल रहे हैं। पाकिस्तान घाटी में अस्थिरता के लिए पूरा जोर लगा रहा है। इससे निपटने के लिए सुरक्षा बलों को दीर्घकालिक रणनीति की जरूरत है।
सूत्रों ने कहा दक्षिण कश्मीर में ज्यादा सख्ती के चलते आतंकी उन इलाकों में ठिकाना तलाशने की कोशिश करते हैं, जहां सुरक्षा बलों की मौजूदगी कम है। इसलिए सभी सुरक्षाबल और खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय के साथ घाटी की समग्र रणनीति पर काम हो रहा है। अधिकारी ने कहा हम आतंकियों के हर मूवमेंट को ट्रैक करके अपना अभियान मजबूती से चला रहे हैं।