उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता की मौत पर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है. शनिवार को परिवार ने एसआईटी पर आरोपियों के साथ मिले होने का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए. इस बीच मृतक लड़की की परिजनों ने जो चौंकाने वाला दावा किया है कि वो वाकई हैरान कर देने वाला है. वहीं मां का कहना है कि, बेटी की मौत के बाद पुलिस ने शव को उन्हें नहीं सौपा और उन्हें एसआईटी या सीबीआई पर भरोसा नहीं है.
मां का दर्द
मां ने अपनी बेटी की मौत पर रोते-बिलखते हुए कहा कि, वह अपनी बेटी को एक बार देखने की भीख मांगती रही थी मगर पुलिस ने उन्हें बेटी को आखिरी बार भी नहीं देखने दिया. हम सीबीआई जांच नहीं चाहते लेकिन इस मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग करते हैं. जब हमने अपना बयान कभी नहीं बदला तो हम क्यों नार्को टेस्ट कराएं. मालूम हो हाथरस स्थित पीड़िता का गांव छावनी में तब्दील हो गया है और शनिवार की सुबह ही जिला प्रशासन ने मीडिया को गांव में घुसने की अनुमति दी है.
जिसको जलाया वह हमारे बेटी नहीं
मामले पर वैसे तो अब तक कुछ भी साफ नहीं हो पाया है मगर मीडिया से बात करते हुए पीड़िता की भाभी का कहना है कि, ‘सबसे पहले पुलिसवालों को साफ करना चाहिए कि उस रात किसके शव का अंतिम संस्कार किया गया था. वह शरीर हमारी बेटी का नहीं था. हमने इसे नहीं देखा. तो हम नार्को टेस्ट क्यों कराएं? हम सच कह रहे हैं, हम न्याय मांग रहे हैं. डीएम और एसपी का नार्को टेस्ट हो. यही लोग झूठ बोल रहे हैं.’ इसके आगे मृतक लड़की की भाभी ने कहा कि, ‘लड़की के दादा की मौत 2006 में ही हो गई हुई थी तो कोई कैसे दावा कर सकता है कि वह लड़की के दाह संस्कार के दौरान मौजूद थे?’ मीडिया से बात में मृतक की भाभी ने भी न्याय की मांग की. उनका भी मानना है कि एसआईटी आरोपियों के साथ मिली हुई है.