सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के निधन के बाद फिल्म इंडस्ट्री में आउटसाइडर-इनसाइ और नेपोटिज्म जैसा मुद्दा उठा है। इस पर कई सेलेब्स ने अपने अनुभव शेयर किया और कई ने अपनी प्रतिक्रिया रखी। इस मुद्दे पर अब अभिनेत्री ईशा कोप्पिकर (Isha Koppikar) ने अपनी प्रतिक्रिया रखी है। इसके अलावा उन्होंने कास्टिंग काउच (Casting Couch) को लेकर भी बात की, साथ ही उन्होंने दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone), माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit), अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma) और प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) जैसी अभिनेत्रियों का उदाहरण भी पेश किया।
ईशा कोप्पिकर ने नेपोटिज्म और कास्टिंग काउच को लेकर कहा, इंडस्ट्री में गुट बने होते हैं लेकिन इसके बारे में क्या ही किया जा सकता है। हो सकता है कि वह लोग सिर्फ उन लोगों के साथ में काम करना चाहते हों जिन्हें वह पसंद करते हैं। या फिर जो उनके दोस्त हों या फिर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो उन्हें ठीक से सुनना चाहते हों। ईशा कहती हैं कि वह एक भीतरी इंसान नहीं है इसलिए उन्हें नहीं पता कि अंदर के खाने में क्या होता है और वह बाहर बैठकर इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकतीं।
ईशा ने कहा, ऐसा भी इस इंडस्ट्री में होता है लेकिन यह सब खुद एक कलाकार पर ही निर्भर करता है। कास्टिंग काउच के सहारे जिसको भी काम करना है, वह कर सकता है। इंडस्ट्री में मौजूद बहुत सी अभिनेत्रियां ऐसी हैं जिन्होंने कास्टिंग काउच के जरिए ही काम किया और ऊंचे मुकाम पर पहुंचीं। उन्होंने दीपिका, माधुरी और प्रियंका का नाम लेते हुए कहा उन्होंने कुछ शीर्ष अभिनेत्रियों के नाम गिनाया। कास्टिंग काउच को लेकर कहा कि अगर कोई नहीं चाहता कि उनके साथ कुछ इस तरह की चीजें हों तो उनके साथ कोई जबरदस्ती नहीं होती। क्योंकि, हर किसी के पास दूसरे विकल्प जरूर होते हैं।
बता दें कि, हिंदी सिनेमा में आखिरी बार ईशा को 2011 में हुआ था। वह राम गोपाल के निर्माण में बनी फिल्म शबरी में काम किया था। बीते नौ सालों में उन्हें दक्षिण भारतीय फिल्मों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से अच्छे ऑफर मिले, लेकिन उन्हें हिंदी सिनेमा में कोई जगह नहीं मिली। भविष्य में भी वह राम गोपाल वर्मा की ही एक वेब सीरीज में नजर आने वाली हैं। ईशा का कहना है कि जब डिजिटल दुनिया ही उन्हें संतुष्टि दे रही है तो फिर वह फीचर फिल्मों के लिए चिंतित नहीं हैं।