निर्भया कांड के दोषियों को मौत की सज़ा दिलाकर सुर्खियों में आई उत्तर प्रदेश में इटावा की वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा अब हाथरस में हैवानियत की शिकार पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए फ्री केस लड़ेंगी। दरअसल, सीमा हाथरस कांड की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए उसके परिवार से मिलने के लिए उसके गांव जा रही थी लेकिन उनको जिला प्रशासन ने रोक लिया। इस दौरान उनकी हाथरस के अपर जिलाधिकारी से हुई तीखी बहस सोशल मीडिया में वायरल हो गई। इस बीच जब उनसे हाथरस जाने का कारण पत्रकारों ने पूछा तो उन्होने साफ किया कि वह वह हाथरस दुष्कर्म कांड मामले की पीड़िता का केस लड़ेंगी और मानवता को शर्मसार करने वाली इस मामले के लिए वह कोई भी फीस नहीं लेंगी।
उन्होने कहा “ पीड़िता का परिवार चाहता है कि मैं उनकी वकील के तौर पर इस केस को लड़ूं. लेकिन प्रशासन मुझे परिवार से मिलने नहीं दे रहा है। प्रशासन कह रहा है कि इससे कानून व्यवस्था बिगड़ेगी। हाथरस की बेटी के शव को पुलिस ने पेट्रोल डालकर जलाया है। मैने निर्भया को न्याय दिलाया है और इसे भी न्याय दिलाऊंगी।” अधिवक्ता ने कहा कि देश किसी भी प्रोफेशन की महिलाएं यह दावा नहीं कर सकती हैं कि वह सुरक्षित हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली के निर्भया कांड में उच्चतम न्यायालय की वकील सीमा समृद्धि के प्रयासों की वजह से ही चारों दोषियों को फांसी मिल सकी थी, ऐसे में यदि वो इस केस को अपने हाथों में लेती हैं, तो हाथरस पीड़िता को जल्दी न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ जाएगी। वह इस केस की शुरुआत से ही निर्भया की माता-पिता की वकील रही और सात साल तीन महीने की लंबी लड़ाई के बाद निर्भया के चारों गुनहगारों को 20 मार्च की सुबह फांसी के फंदे तक पहुंचाया। बतौर एडवोकेट सीमा का ये पहला केस था।