रिपोर्ट : भक्तिमान पाण्डेय : सोमवार को जब एम्बुलेंस कर्मचारी ईएमटी दिवाकर विक्रम सिंह पायलट अखिलेश पाल को 108 की सूचना नोट हुई तो उनको लगा होगा कि यह हमेशा की तरह इमरजेंसी कॉल ही होगा. मगर जब वह हॉस्पिटल पहुंचे तो उन्होंने ऐसे मरीज को देखा कि उसका ज्यादातर शरीर जल चुका था ।उन्हें एक गंभीर रूप से जली हुई (बच्ची श्रद्धा 16 वर्षीय) को सुल्तानपुर से मेडिकल कॉलेज लखनऊ तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई। सुल्तानपुर से लखनऊ की लंबी दूरी थी।
एम्बुलेंस कर्मचारी को पता था कि उन्हें ऐसा काम दिया गया है जिसमे उनकी एक चूक से मासूम की जान जा सकती है.
ईएमटी दिवाकर विक्रम सिंह पायलट अखिलेश पाल ने साथ मिलकर सही समय पर बच्ची को मेडिकल कालेज लखनऊ पहुंचाया.
ईएमटी दिवाकर विक्रम सिंह ने बात चीत के दौरान बताया कि इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर की सहायता से उपचार करते हुए बच्ची को सकुशल हायर सेंटर लखनऊ पहुंचाया.
कार्यक्रम प्रबंधक सुमित प्रताप सिंह एवं जिला प्रभारी अभिनंदन मिश्रा ने ईएमटी दिवाकर विक्रम सिंह पायलट अखिलेश पाल के कार्यों की सराहना की।
लेकिन ईएमटी दिवाकर विक्रम सिंह पायलट अखिलेश पाल ने इसे संभव बनाने के लिए मिशन में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद दिया.