संसद के मॉनसून सत्र का आज 9वां दिन है। किसानों से जुड़े विधेयक को लेकर विपक्ष विरोधी रुख अपनाए हुए है। विपक्ष का विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा। वहीं दूसरी ओर राज्यसभा से निलंबित आठ सांसदों का मामला तूल पकड़ चुका है। राज्यसभा में आज विपक्षी दलों के 8 सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठेगा।
निलंबित सांसद सोमवार से संसद परिसर में धरने पर बैठे हुए हैं। उनका प्रदर्शन रातभर जारी रहा। इसी बीच राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश मंगलवार को यानि कि आज सुबह-सुह उनसे मिलने के लिए पहुंचे और उन्हें चाय दी। धरने पर बैठे सांसदों ने उपसभापति की चाय पीने से मना कर दिया। वहीं उपसभापति अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के खिलाफ एक दिन का उपवास रखेंगे।
उपसभापति के इस व्हवहार पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया और लिखा कि ‘हर किसी ने देखा कि दो दिन पहले लोकतंत्र के मंदिर में उनको किस प्रकार अपमानित किया गया, उन पर हमला किया गया और फिर वही लोग उनके खिलाफ धरने पर भी बैठ गए, लेकिन आपको आनंद होगा कि आज हरिवंश जी ने उन्हीं लोगों को सवेरे-सवेरे अपने घर से चाय ले जाकर पिलाई।’ पीएम ने कहा कि यह हरिवंश जी की उदारता और महानता को दर्शाता है। लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है। मैं उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।’
इसे लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि जब वे हमारे घर आएंगे तो हम व्यक्तिगत रिश्ते निभाएंगे लेकिन यहां हम किसानों के लिए बैठे हैं इसलिए ये व्यक्तिगत रिश्ते निभाने का वक्त नहीं है। हम चाहते हैं कि ये काला कानून वापस लिया जाए। देश के हजारों किसान भूखे-प्यासे सड़कों पर इस काले कानून के खिलाफ हैं।
वहीं कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने कहा कि हरिवंश जी ने कहा कि वे एक सहयोगी के रूप में हमसे मिलने आए थे, न कि राज्यसभा के उपसभापति के रूप में। वह हमारे लिए चाय और नाश्ता भी लाए थे। हमने अपने निलंबन के विरोध में कल से यह धरना प्रदर्शन शुरू किया। हम पूरी रात यहां रहे हैं। सरकार से कोई भी हमारे बारे में पूछने के लिए नहीं आया। कई विपक्षी नेता हमारे बारे में पूछताछ करने और हमारे साथ एकजुटता दिखाने के लिए आए थे। हम इस प्रदर्शन को जारी रखेंगे।