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बढ़ते कोरोना संक्रमण के पीछे निकला ये बड़ा कारण, इस स्टेज पर पहुंचा भारत

चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस दुनिया के 180 से भी अधिक देशों में अपनी पहुंच बना चुका है। वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है, कि प्रतिदिन लाखों की संख्या में कोरोना केस सामने आ रहे हैं। ताजा आंकड़े की बात करें तो विश्वभर में कोविड-19 के 3 करोड़ से भी अधिक केस दर्ज किए गए हैं, जबकि 965,000 लोग इलाज के दौरान अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में महामारी को रोकने का अब एक ही रास्ता बचा हुआ है, वो है कोरोना वैक्सीन। यही पूरी दुनिया को इस महामारी से निजात दिला पाएगा। उससे पहले कोई उम्मीद कहीं से कोई नजर नहीं आ रही है। हालांकि वैज्ञानिक अपना लगातार प्रयास कर रहे हैं। वहीं इस बीच भारत की बात करें तो यहां भी कोरोना केस अमेरिका के बराबर पहुंचने वाले हैं, सरकार से लेकर वैज्ञानिकों के लिए यह चिंतन का दौर है।

 

भारत में रोजाना 1 लाख मरीजों की वृद्धि हो रही है, संक्रमण की इस भयंकर रफ्तार के पीछे कोविड-19 का सबसे संक्रामक प्रतिरूप A2a है। भारत में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर हैदराबाद के सेंटर फॉर सेलुलर एंड मोलिक्यूलर बायोलॉजी के ताजा अध्ययन में बड़ा खुलासा सामने आया है।

बताया जा रहा है कि A2a के चलते भारत में कोरोना पॉजिटिव के 70 फीसदी से ज्यादा मरीज A2a प्रतिरूप से ही प्रभावित हैं।

सीसीएमबी के निदेशक डॉ. राकेश कुमार मिश्रा के मुताबिक, स्टडी में यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कोरोना का A2a प्रतिरूप A3i से ज्यादा घातक है या नहीं. लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि इसके संक्रमण की रफ्तार काफी ज्यादा है और जब तक कारगर वैक्सीन तैयार नहीं हो जाती, तब तक कोरोना के A2a प्रतिरूप से बचना ही एकमात्र उपाय है।

मालूम हो कि दुनियाभर में सबसे ज्यादा कोरोना के A2a स्ट्रैन से लोग संक्रमित हुए हैं और इसी स्ट्रैन को ध्यान में रखकर वैक्सीन बनाई जा रही हैं. भारत में वैज्ञानिकों के मन में पहले सवाल था कि आने वाली वैक्सीन, भारत में कोरोना वायरस

के खिलाफ कारगर साबित होगी भी या नहीं, चूंकि भारत में कोरोना का A3i स्ट्रैन ज्यादा था, जबकि वैक्सीन मुख्य रूप से A2a को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही हैं. लेकिन देखते ही देखते A2a स्ट्रैन ने भी भारत में पैर पसार लिए हैं।

संक्रमण की तेज रफ्तार चिंता का विषय बन गई है।