लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन और भारत के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा। दोनों देशों की सेना आमने-सामने है और इस तनाव के समय भी चीन का अड़ियल रवैया लगातार देखने को मिल रहा है। जिस वजह से चीन की हर चाल का जवाब देने के लिए भारत भी सीमा पर तैयारी में जुटा हुआ है। दरअसल, भारत लेह-लद्दाख की इन दुर्गम चोटियों तक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने में जुट गया है। इसी के तहत दुर्गम इलाकों मे तेजी से सड़क निर्माण करवाया जा रहा है ताकि सेना इन सड़कों का साल भर इस्तेमाल कर सके। इसी कड़ी में अब श्रीनगर की दारचा-पदम से नामों के बीच सड़क निर्माण किया जा रहा है। ये सड़क चीन के खिलाफ भारत का ब्रह्मास्त्र है। जिस वजह से चीन के होश उड़ गए है।
भारत का कारनामा
चीन सीमा पर चल रहे तनाव के बीच, सीमा सड़क संगठन ने लेह और करगिल के बीच तीसरी सड़क का काम लगभग पूरा कर लिया है। इस दौरान दारचा-पदम नीमो सड़क हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी के दारचा को कारगिल जिले के जंस्कार के पदम इलाके से जोड़ा जा रहा है। दारचा से पदम की दूरी करीबन 148 किलोमीटर की है। ये सड़क नीमो के रास्ते लेह मार्ग से जुड़ जाएगी। इस सड़क की खास बात यह है कि इसे हर मौसम के लिए तैयार किया जा रहा है यानी सेना 365 दिन इस सड़क पर सफर कर सकते है और किसी भी मौसम में हिमाचल के दारचा से लेह और कागिरल तक भारतीय सेना के जवाब पहुंच सकते है।
सड़क की खासियत
बीआरओ के मुताबिक, इस सड़क का 90 फीसदी काम पूरा हो गया है। ये सड़क जैसे ही शुरू की जाएगी। तो भारतीय सेना को काफी फायदा होगा। सेना का समय बचेगा। क्योंकि सेना पुरानी सड़क से 12 से 13 घंटे का समय लगता था लेकिन अब महज 6-7 घंटे लगेंगे। इस सड़क का खास बात ये है कि ये एलएससी से काफी दूर है। जिस वजह से सड़क पर हमले की गुंजाइश ना के बराबर है। ऐसे में सेना जोखिम भरी आवाजाही भी कर सकती है। इतना ही नही, अब सेना का सामान भी कारगिल और लेह तक पहुंचाना भी आसान हो जाएगा।
चीन को लगी मिर्ची
हालांकि, भारत का ये कारनामा देख चीन पूरी तरह चिढ़ गया है। एक तरफ चीन खुद सीमा से सटे इलाकों में सड़कों का निर्माण कर रहा है लेकिन अब भारत के इस निर्माण कार्य पर चीन ने सवाल खड़े किए है। जिससे चीन की नीयत साफ नजरआ रही है।