चीन की करतूतों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)पर तनाव बढ़ा दिया है. बातचीत के टेबल पर शांति का नाटक करने वाला चीन लगातार साजिशें रच रहा है. यही वजह है कि लद्दाख में टेंशन बढ़ती जा रही है और युद्ध के आसार बनते दिख रहे हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि चीन ने अचानक LAC पर सैनिकों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी शुरू कर दी है.
पैंगोंग लेक के उत्तरी किनारे पर नए सिरे से चीनी सैनिकों का जमावड़ा शुरू हो गया है. उत्तरी किनारे पर फिंगर इलाके की रिजलाइन पर चीनी सैनिकों बड़ी संख्या में जमा हो रहे हैं. 7 सितंबर को दक्षिणी किनारे पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम होने के बाद यह जमावड़ा हो रहा है.
बुधवार की शाम से चीनी सेना (पीएलए) की गतिविधियां इस इलाके में बढ़ गई है. चीन सीमा से सटे पठारी इलाकों में सैन्य साजो सामान की आमद बढ़ा रहा है. चीन देश के अलग अलग हिस्सों से हथियार और दूसरे सैन्य उपकरण यहां मंगवा रहा है.
दोनों देशों की सेना एक दूसरे के काफी करीब आमने-सामने हैं. पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे को 8 फिंगर में बांटा गया है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल फिंगर 8 पर है लेकिन चीन फिंगर 4 रिजलाइन पर रूका हुआ है.
भारत के लद्दाख क्षेत्र में ब्लैक टॉप समेत कई रणनीतिक मोर्चों पर बढ़त बनाने के बाद चीन बार-बार आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा है और एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल को पार करने की कोशिश कर रहा है. 29-30 अगस्त की रात से 8 सितंबर तक ऐसी कई नाकाम कोशिशें कर चुका है.
विशेषज्ञों का मानना है कि जो हालात बन रहे हैं, उसमें कभी भी किसी छोटे से उकसावे पर भी दोनों देशों के बीच युद्ध की चिंगारी भड़क सकती है. इसके कुछ कारण भी विषेषज्ञों ने बताए हैं.
एलएसी पर हालात 1962 से भी ज्याद गंभीर हो गए हैं 45 साल पुराना समझौता टूट चुका है. पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना की मजबूत पैठ से चीन पूरी तरह बौखलाया गया है. यही वजह है कि दूसरा फ्रंट खोलने के लिए चीन लागातर हथियार देकर पाकिस्तान को मजबूत कर रहा है.
चीन ने कब्जाई भारत की जमीन, क्या यह भी ‘एक्ट ऑफ गॉड’: राहुल गांधी
The Chinese have taken our land.
When exactly is GOI planning to get it back?
Or is that also going to be left to an 'Act of God'?
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 11, 2020
मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक हुई है. एक तरफ चीन भारत से बातचीत कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ उसकी सेना पेंगोंग इलाके में अपनी ताकत बढ़ा रही है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन की गुस्ताखियों को देखते हुए भारतीय सेना ने अब 155 मिमी की होवित्जर तोप तैनात करने शुरू कर दिए हैं.
बोफोर्स तोप तैनात करना भारतीय सेना का बड़ा कदम है. ये फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है, जब चीन घुसपैठ की अपनी कोशिशों से बाज नहीं आ रहा. एलएसी पर इन दिनों करीब 40 हजार भारतीय जवान तैनात हैं. वायुसेना भी मुस्तैद है और अब होवित्जर तोप भी सरहद पर भेजे जा रहे हैं. चीन ने छोटी से छोटी गलती भी की तो उसे बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
भारतीय जवानों की अब फिंगर 4 तक पहुंच हो गई है. सामरिक रूप से बेहद अहम ऊंचाई वाले इलाकों पर जवानों का दबदबा हो चुका है. तनाव के बीच LAC पर हालात बदल गए हैं. हिन्दुस्तान के जवानों ने पूर्वी लद्दाख के अलग-अलग इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत की है. माउंटेन वारफेयर के उस्ताद माने जाने वाले जवान चीन को सबक सीखाने के लिए तैयार हैं.
पेंगोंग लेक के उत्तरी और दक्षिणी इलाकों में चीन की बेचैनी बढ़ी है. चीन भले ही अपने जवान, गाड़ियां और हथियार तैनात कर चुका है, लेकिन इन इलाकों में ऊंचाइयों पर भारत की पकड़ मजबूत होने से उसके पसीने छूट रहे हैं. भारतीय जवान ऊंचाइयों पर मौजूद हैं और वो चीनी सेना की हरकत पर हर वक्त नजर रख रहे हैं.
इस बीच चीन को रास्ते पर लाने के लिए अब हिन्दुस्तान इंटीग्रेटेड रेस्पॉस की रणनीति अपना रहा है. मतलब चीन जिस भाषा में समझे, उसी भाषा में उसे समझाने की पहल होगी. इन्हीं कोशिशों के तहत विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार की रात चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. मॉस्को में करीब 2 घंटे तक दोनों की बातचीत चली.
जयशंकर और वांग यी की मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब हाल के दिनों में चीन की हिमाकत कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है. 29-30 अगस्त के बाद से वो लगातार घुसपैठ की कोशिशें करता रहा है और हर बार हिन्दुस्तान ने उसे आगाह किया है.