लद्दाख सीमा पर जबरन कब्जा करने की फिराक में ड्रैगन धीरे-धीरे अपनी अर्थव्यवस्था को ही चौपट करने की तैयारी में जुट गया है। दरअसल भारत के खिलाफ रणनीति बनाने वाला ड्रैगन अब अपने ही बुने जाल में सिमट कर रह गया है। चीन पर मोदी सरकार की तरफ से लगातार डिजिटल स्ट्राइक जारी है। हाल ही में केंद्र सरकार ने चीन के चायनीय ऐप्स को देश में बैन करने का फैसला लिया था, जिसके बाद ड्रैगन की बौखलाहट और ज्यादा बढ़ गई थी। इतना ही नहीं भारत चीन को हर मोर्चे पर मात देने के लिए तैयार है। चाहे वह चीनी ऐप्स के बैन की बात हो, या फिर चायनीज प्रोडक्ट पर रोक लगाने की बात। इस बीच खबर है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में एक बड़े खिलौने का हब तैयार करने की योजना बना रही है। बताया जा रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए औद्योगिक संगठनों व विभागों से इस प्रस्तावित नीति पर सुझाव मांगे हैं। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में यह खिलौना हब देश का सबसे बड़ा हब माना जाएगा। चूंकि इस योजना के तहत सरकार 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश करने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि सरकार ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 2025 तक का टारगेट रखा है। इसके साथ ही सरकार की तैयारी प्रदेश में तीन लाख लोगों को रोजगार देने की भी है।
कहा जा रहा है कि इस नीति के लागू होने पर उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां पर खिलौना उद्योग के लिए अलग से नीति होगी। नीति में खिलौना उद्योग में निवेश करने वाले उद्यमियों को तमाम सुविधाएं देने की व्यवस्था है। इस नीति के लागू होने पर उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां पर खिलौना उद्योग के लिए अलग से नीति होगी। नीति में खिलौना उद्योग में निवेश करने वाले उद्यमियों को तमाम सुविधाएं देने की व्यवस्था है।
नई नीति को विश्वस्तरीय मानकों पर कसा गया है। ट्वाय कलस्टर अथवा पार्क की स्थापना के लिए सरकार विश्वस्तरीय इको सिस्टम, डिजाइन, टेस्टिंग आदि सुविधाएं उद्यमियों को मुहैया कराएगी। स्किल डेवलेपमेंट का काम भी किया जाएगा।
उद्योगों की स्थापना के लिए बाधारहित सिंगल विंडो सिस्टम दिया जाएगा। यहां तक कि एमएसएमई विभाग इकाईयों द्वारा बनाए जाने वाले खिलौनों की डिजाइनिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग के साथ ही निर्यात में सहयोग करेगा। विश्वस्तरीय मेलों और प्रदर्शियों में यूपी के खिलौनों को प्रदर्शित किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि ट्वाय पालिसी-2020 बना लिया गया है। औद्योगिक संगठनों और विभागों से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। बहुत जल्द इस पालिसी को सरकार के पाचीन के मुकाबले खिलौना उद्योग खड़ा करने की तैयारी में सरकारस स्वीकृति के लिए ले जाया जाएगा।