प्राचीन काल को लेकर ऐसी कई कहानियां हमने और आपने सुनी हैं. जिन पर यकीन करना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन होता है. भारत के तमाम राज्यों से ऐसी खबरें सामने आई हैं जब खुदाई में सालों पुराना खजाना मिला है. अब एक ऐसी ही चौंकाने वाली खबर उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से सामने आई है. जहां पंचायत भवन निर्माण के लिए नींव की खुदाई चल रही थी. खुदाई के दौरान ही मिट्टी के बर्तन में से 158 साल पुराने चांदी व तांबे के सिक्के निकले. जिसे देख न सिर्फ मजदूर बल्कि वहां मौजूद लोगों की आंखें भी फटी की फटी रह गई. बताया जा रहा है कि, जमीन के अंदर से निकला ये खजाना 1862 का है.
किसने छुपाए सिक्के?
पूरा मामला जिले में सफीपुर ग्राम पंचायत नन्हकऊ का है. जहां पंचायत भवन निर्माण के लिए खुदाई चल रही थी. खजाने की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और उन्होंने सिक्कों को कब्जे में लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचाया.इसके बाद सिक्कों को सील कर डीएम कार्यालय भेज दिया गया है. खजाने को लेकर गांव के लोग अलग-अलग तरह की बातें कर रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि, सालों पहले जमीन के अंदर किसी ने सिक्के छिपा दिए होंगे. मजदूरों के मुताबिक, जब वह खुदाई कर रहे थे तभी उनका फावड़ा किसी चीज से टकराया. इस पर उन्होंने हाथ से मिट्टी हटाई तो मिट्टी का बर्तन निकला जो चांदी व तांबे के सिक्कों से भरा हुआ था.
पुरातत्व विभाग करेगा जांच
खजाने को लेकर एसडीएम राजेंद्र कुमार का कहना है कि, मिट्टी के बर्तन में से 17 चांदी और 287 सिक्के तांबे के निकले हैं. जो चांदी के सिक्के हैं वह सन 1862 से लेकर 1919 तक के निकले हैं जबकि तांबे के सिक्के इतने पुराने हो चुके हैं कि उनके साल का पता नहीं चल पा रहा है.फिलहाल इन्हें सील कर पुरातत्व जिलाधिकारी कार्यालय में भेजा जा रहा है. वहां से इन सिक्कों को पुरातत्व विभाग भेजा जाएगा जो इनकी जांच करेगा. लेकिन अनुमान ये है कि, चांदी और तांबे के सिक्के काफी साल पुराने हैं.