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नोटों की छपाई पर कोरोना का कहर…4 दिन के लिए बंद…40 कर्मी कोरोना पॉजिटिव…एक दिन में होती है इतने रुपये की छपाई

महाराष्ट्र में कोरोना के कहर (Corona in Maharashtra) का असर अब नोटों की छपाई पर भी पड़नेवाला है. नासिक स्थित नोटों की और स्टेंप पेपर की छपाई करनेवाली प्रेस में काम करनेवाले स्टाफ के लोग कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें 4 दिन के लिए बंद करने का फैसला हुआ है. नासिक में मौजूद द करंसी नोट प्रेस (CNP) और इंडिया सिक्यॉरिटी प्रेस (ISP) को बंद रखा जाएगा.

सोमवार से अगले 4 दिनों के लिए दोनों बंद रहेंगी. क्योंकि पिछले दो हफ्तों में दोनों में कुल मिलाकर 40 नए कोरोना मरीज मिले हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, द करंसी नोट प्रेस (CNP) एक दिन में 1 करोड़ 70 लाख रुपये की छपाई करती है. इसमें अलग-अलग कीमत वाले नोट शामिल होते हैं. वहीं इंडिया सिक्यॉरिटी प्रेस (ISP) में रेवेन्यू स्टेंप, स्टेंप पेपर, पासपोर्ट और वीजा छपते हैं. CNP में 2300 कर्मचारी हैं. वहीं ISP में 1700 लोग काम करते हैं.

रविवार को काम करके पूरा होगा नुकसान

ISP में 4 दिनों में 6 करोड़ 80 लाख रुपये नहीं छप पाएंगे. इस नुकसान की पूर्ति संडे में काम करके की जाएगी. हर सावधानी बरतने के बावजूद दोनों में कुल मिलाकर 125 लोग (पिछले तीन महीनों में) कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं. अब प्रेसों को खोलने से पहले सभी कर्मचारियों का कोविड-19 टेस्ट होगा. प्रेस से जुड़े अधिकारी ने कहा है कि वहां कोविड-19 से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है. ऐसे में हो सकता है कि लोगों को यह वायरस उनके परिवार के सदस्य या कहीं और से लगा हो.

भारत में जानलेवा कोरोना वायरस तेजी से फैलता ही जा रहा है. देश में पिछले 24 घंटों में 78,512 नए मामले सामने आए हैं. वहीं 971 लोगों की जान चली गई है. इससे पहले देश में 29 अगस्त को रिकॉर्ड 78,761 मामले दर्ज किए गए थे. अमेरिका और ब्राजील में बीते दिन क्रमश: 33,981 और 15,346 नए मामले आए हैं. अमेरिका और ब्राजील में बीते दिन क्रमश: 369 और 398 मौत हुई हैं.

देश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 36 लाख 21 हजार हो गई है. इनमें से 64,469 लोगों की मौत हो चुकी है. एक्टिव केस की संख्या 7 लाख 81 हजार हो गई और 27 लाख 74 हजार लोग ठीक हो चुके हैं. संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या करीब तीन गुना अधिक है. पिछले 5 लाख ठीक हुए मामले ​सिर्फ 8 दिन में रिकॉर्ड किए गए हैं जबकि इससे पहले के ठीक हुए मामले क्रमश: 10 और 9 दिन में रिकॉर्ड किए गए थे.