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जल्द खत्म होगा वैक्सीन का इंतजार, बाजार में इस महीने तक रूस कराने जा रहा है उपलब्ध

दुनियाभर में बढ़ रही कोरोना महामारी को रोकने के लिए वैज्ञानिक लगातार वैक्सीन बनाने की तैयारी में जोरो-शोरों से लगे हुए हैं. इस बीच भारत से लेकर चीन, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन समेत कई देशों में वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल भी किया जा है. तो वहीं दूसरी तरफ रूस ने वैक्सीन बना लेने का दावा किया है. दरअसल हाल ही में रूस की सेचनोव यूनिवर्सिटी की ओर से ये दावा किया गया है कि दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन से जुड़े सभी चरणों के ट्रायल पूरे हो चुके हैं. यहां तक कि इंसानों पर किया गया ट्रायल भी सफल साबित हुआ है. ऐसे में अगर सारी व्यवस्था सही रही तो आने वाले सितंबर महीने तक बाजारों में वैक्सीन आ जाएगी. रूस की ओर से कहा गया है कि वो कोरोना वैक्सीन तैयार करने में औरों से काफी आगे निकल चुके हैं. तैयार की गई वैक्सीन का नाम Gam-COVID-Vac Lyo रखा गया है.

 

दरअसल रूस की सेचनोव यूनिवर्सिटी की माने तो, इंसानों पर भी इस वैक्सीन का किया गया ट्रायल का परिणाम सफल रहा है. इसके साथ ही वैक्सीन को लेकर इस बात का भी दावा किया जा रहा है कि एक बार इंसानों पर इसके इस्तेमाल का असर काफी लंबे वक्त तक इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है. बता दें कि सेचनोव यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पैरासिटोलॉजी ट्रॉपिकल एंड वेक्टर-बॉर्न डिसीज के निदेशक एलेक्जेंडर लुकाशेव ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि, हमारा मकसद इंसानों को महामारी से बचाने के लिए एक सफल कोरोना वैक्सीन को बनाना था. आगे उन्होंने ये भी बताया कि इस वैक्सीन की सुरक्षा से जुड़ी सभी जांच को अच्छे से संपन्न कर लिया गया है. ऐसे में अगर इससे संबंधित सभी तरह की इजाजत मिलती है तो बाजारों में ये वैक्सीन सितंबर तक उपलब्ध कराई जा सकेगी.

इसके अलावा इस बारे में सेचनोव यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के निदेशक वदिम तरासोव ने बात करते हुए बताया है कि, इस वैक्सीन को बनाने में गेमली इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. कहा जा रहा है कि ये वैक्सीन इंसानों को देने के बाद उन्हें 2 साल तक संक्रमण से बचाएगी. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी TASS की माने तो, इस वैक्सीन के पहले ट्रायल के चरण में 18 वॉलंटियर सम्मिलित हुए थे. इसके बाद दूसरे चरण में 20 स्वयंसेवकों को वैक्सीन दी गई थी. जानकारी के मुताबिक इसमें रूस का रक्षा मंत्रालय भी अपनी ओर से हर तरह की मदद कर रहा है. इस बारे में रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, वैक्सीन में वॉलंटियर के दो गुटों को शामिल किया गया है. इस वैक्सीन से जुड़ा आखिरी ट्रायल 15 जुलाई  को समाप्त हो जाएगा.