Breaking News

पाकिस्तान की मांग, कहा- मोदी झूठ बोल रहे या सच, पहलगाम हमले की जांच में रूस-चीन हों शामिल

पाकिस्तान (Pakistan) पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) की जांच में रूस और चीन (Russia and China) को शामिल करना चाहता है। रूसी सरकार की आरआईए नोवोस्ती न्यूज एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Defence Minister Khawaja Asif) ने यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि रूस या चीन या यहां तक कि पश्चिमी देश इस संकट में बहुत ही सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। वे एक जांच दल भी गठित कर सकते हैं, जिसे जांच का यह काम सौंपा जाना चाहिए कि भारत या मोदी झूठ बोल रहे हैं या वह सच बोल रहे हैं। एक अंतरराष्ट्रीय दल को पता लगाने दें।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी अंतरराष्ट्रीय जांच कराने का प्रस्ताव रखा है।

समाचार एजेंसी ने ख्वाजा के हवाले से कहा, ‘पता लगाएं कि भारत में, कश्मीर में इस घटना का दोषी कौन है और कौन इसे अंजाम दे रहा है। बातचीत या खोखले बयानों का कोई असर नहीं होता। इस बात के कुछ सबूत तो होने ही चाहिए कि पाकिस्तान इसमें शामिल है या इन लोगों को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त था? ये सिर्फ बयान हैं, खोखले बयान और कुछ नहीं।’ आतंकवादियों ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए। इनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला था। पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि पहलगाम हमले के अपराधियों और षड्यंत्रकारियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।पाकिस्तान के दावे पर अमेरिकी एक्सपर्ट ने क्या कहा
इस बीच, मॉस्को स्थित स्वतंत्र अमेरिकी विश्लेषक एंड्रयू कोरिबको ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के आरोपों का खंडन किया है, जिसकी उम्मीद थी। पाकिस्तानी अधिकारियों ने आश्चर्यजनक रूप से खुद को बदनाम करने वाले दावे भी किए हैं। उन्होंने कहा, ‘इसाक डार पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री दोनों हैं। उन्होंने टिप्पणी की है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम जिले में हमले करने वाले लोग स्वतंत्रता सेनानी हो सकते हैं।’ कोरिबको ने ऑनलाइन मंच सबस्टैक पर अपने न्यूजलेटर में लिखा, ‘कश्मीर संघर्ष के बारे में किसी के विचार चाहे जो भी हों, पर्यटकों का नरसंहार आतंकवादी कृत्य है। इललिए उनके धर्म के आधार पर हत्या की तो बात ही छोड़ दीजिए। यह अनुमान लगाना कि अपराधी स्वतंत्रता सेनानी हो सकते हैं, दुनिया भर के सच्चे स्वतंत्रता सेनानियों को बदनाम करता है। यह चतुराई से आतंकवाद को उचित ठहराना है।’