जनपद के एक गांव में नाबालिग लड़के की युवती से सगाई का मामला सामने आया है। सूचना पर बाल विकास विभाग की टीम गांव पहुंची और सगाई रुकवाई। मगर नाबालिग, युवती से विवाह के लिए अड़ा रहा। टीम ने किसी तरह नाबालिग और दोनों पक्षों को समझाया। जिले में अभी तक नाबालिग के विवाह और सगाई रुकवाने के 17 मामले सामने आ चुके हैं।
मंगलवार को बाल विकास विभाग को सूचना मिली कि जिले के एक गांव में 17 वर्षीय नाबालिग का विवाह निकट के गांव में 19 वर्षीय युवती के साथ तय है। इसी सप्ताह दोनों की सगाई होनी है। सूचना पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. अखिलेश मिश्र ने वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट, चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपरवाइजर सुरेंद्र सिंह और केस वर्कर अखिलेश सिंह को युवती के घर भेजा।
उन्होंने कहा कि यह कानूनी अपराध है। नाबालिग की शादी होने पर लड़की और लड़के के परिजनों को दो-दो वर्ष की जेल और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। या दोनों सजाएं एक साथ हो सकती हैं। साथ ही नाबालिग लड़के को भी समझाया मगर वह युवती के साथ विवाह के लिए अड़ा रहा।
टीम ने उन्हें समान नागरिक संहिता के बारे में भी जानकारी दी। बताया कि अगर वह जबरन विवाह करते हैं, तो कानूनी कार्रवाई होगी। यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण जरूरी है और नाबालिग का पंजीकरण नहीं हो सकता है। बाल विकास अधिकारी डाॅ. अखिलेश मिश्र ने बताया कि जनपद में नाबालिग के विवाह व सगाई रोकने के 17 प्रकरण हो चुके हैं।