प्रयागराज से प्रारंभ की गई भगवा त्रिशूल यात्रा का हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ पहुंची। यात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से होकर कामी रोड स्थित पूर्ण मूर्ति कैंपस में पहुंचेगी, जहां यात्रा का ढोल-नगाड़ों के साथ पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद की ओर से निकाली जा रही भगवा त्रिशूल यात्रा ने मात्र 21 दिनों में 12 ज्योतिर्लिंग, 4 धाम व 12 शक्तिपीठों का भ्रमण कर 120 त्रिशूलों के साथ सोनीपत पहुंची।
पूर्ण मूर्ति कैंपस के चेयरमैन डॉ. विजयपाल नैन व परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन डाॅ. नवीन नैन भालसी ने बताया कि पूर्ण मूर्ति कैंपस में युवाओं व लोगों को सनातन धर्म व हिंदू धर्म से जोड़ने का संदेश दिया जाएगा। यात्रा का मुख्य उद्देश्य सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण है। मंदिरों का संरक्षण व आधुनिकीकरण भी इसका लक्ष्य है। युवा जागरूकता, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना, पर्यावरण व जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। यात्रा ने कम समय में इतना लंबा सफर तय करके भी एक रिकॉर्ड बनाया है।
यात्रा प्रयागराज से प्रारंभ होकर अयोध्या, लखनऊ, हरिद्वार, चंडीगढ़ होते हुए अंबाला पहुंची थी। अंबाला के बाद यात्रा का कुरुक्षेत्र में ठहराव किया गया। इसके बाद करनाल, पानीपत होते हुए आज यात्रा सोनीपत पहुंची है। अगला पड़ाव विभिन्न मार्गों से होते हुए दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 25 मार्च को रहेगा। यात्रा के सभी 120 पवित्र त्रिशूलों को प्राचीन शिवालयों में प्रतिष्ठित किया जाएगा।
महादेव की महिमा से ओतप्रोत यात्रा का हर पड़ाव एक नई ऊर्जा, एक नई अनुभूति व शिव कृपा का आशीर्वाद लाएगा। यात्रा युवाओं को सनातन संस्कृति से जोड़ने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद का लक्ष्य है कि भारत के प्राचीन मंदिरों की संरक्षा, धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार व आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने के लिए समाज को संगठित किया जाए।