रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine)के बीच जंग को खत्म (Eliminate rust)करवाने के लिए अमेरिका कोशिश(america try) में लगा हुआ है। अमेरिकी अधिकारियों(American officials) ने सऊदी अरब (Saudi Arabia)में रूस के अधिकारियों से इस मामले में बात भी की। रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस काफी हद तक सहमत भी हो गया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट की मानें तो रूस यूरोप में फ्रीज की गई संपत्ति का इस्तेमाल यूक्रेन में इन्फ्रास्ट्रक्चर को दोबारा बनाने में करने को भी तैयार है। हालांकि रूस ने शर्त रखी है कि इस पैसे का इस्तेमाल यूक्रेन के उस पांचवें हिस्से में किया जाएगा जहां रूसी सेना का नियंत्रण है। बता दें कि युद्ध शुरू होने के बाद यूरोप में रूसी बैंकों ट्रांजैक्शन बंद कर दिया गया था और अरबों डॉलर की संपत्ति को फ्रीज कर दिया गया था। इसमें से 300 अरब डॉलर की संपत्ति को लेकर रूस ने सहमति जताई है।
18 फरवरी को अमेरिका और रूस के अधिकारियों ने सऊदी अरब में बातचीत की थी। वहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच मुलाकात की भी संभावना है। अमेरिका और रूस के बीच बातचीत के बाद यही बात हो रही है कि रूस अपनी फ्रीज की गई संपत्ति का इस्तेमाल यूक्रेन में पुनर्निर्माण के लिए कर कर सकता है। अगर वह इसके लिए सहमत होता है तो शांति समझौता आसान हो जाएगा।
यूक्रेन का पूर्वी हिस्सा इस युद्ध में बुरी तरह तबाह हुआ है। यहां रूस और यूक्रेन दोनों तरफ के ही हजारों सैनिक मारे गए हैं। इसके अलावा लाखों यूक्रेनियों ने भागकर दूसरे देशों की शरण ले ली है। युद्धविराम के लिए रूस की शर्त है कि जिन इलाकों में रूस ने दावा कर दिया है वहां से कीव अपनी फौज हटा ले। इसके अलावा वह NATO में शामिल होने का प्रयास बिल्कुल बंद कर दे। वहीं यूक्रेन चाहता है कि रूस अपनी फौज यूक्रेनी इलाकों से हटाए और यूरोपीय देश उसे सुरक्षा की गारंटी दें। डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन यूक्रेन की शर्त को वास्तविकता से परे बता चुका है।
2023 में जी7 देशों ने कहा था कि जब तक रूस यूक्रेन में किए गए नुकसान की भरपाई करने को सहमत नहीं होता तब तक उसकी संपत्ति फ्रीज रहेगी। अमेरिका के पूर्व दूत कर्ट वोल्कर ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जानते हैं कि यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त करने के लिए रूस को रोकना होगा, लेकिन वह यह भी चाहते हैं कि वाशिंगटन ने जो मदद दी है उसके बदले कीव कुछ दे।