महाकुंभ (Mahakumbh) में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के मौके पर करोड़ों की संख्या में भीड़ प्रयागराज (Prayagraj) पहुंची है। लेकिन इस दौरान श्रद्धालुओं के बीच भदगड़ मच गई। इसी भगदड़ में दर्जन भर मौतों की भी खबर है। हालांकि प्रशासन ने मौतों की पुष्टि नहीं की है। कई लोग घायल हैं जिन्हें इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। इसी बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All India Akhara Parishad) के महामंत्री एवं जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत श्री हरि गिरि महाराज (Hari Giri Maharaj) ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा है कि आज मौनी अमावस्या के मौके पर कहीं भी गंगा में स्नान करें तो पूर्ण पुण्य मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सभी भक्त कहीं भी गंगा में जाएं और भगवान को मानते हुए स्नान करें और पुण्य का लाभ लें। आप जहां भी गंगा किनारे नहाएंगे, चाहे प्रयागराज की सीमा में हो या सीमा के बाहर किसी अन्य शहर काशी या पूरे भारत वर्ष में कहीं भी हो वहां गंगा में स्नान करें तो आपको पूर्ण पुण्य और अमावस का लाभ मिलेगा। उन्होंने अपील की है श्रद्धालु वहीं स्नान करके लाभ लें और अपने घर के लिए प्रस्थान करें।
भगदड़ के बाद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि भगदड़ सुबह करीब 2:30 बजे हुई जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर पहुंचे। भगदड़ और भीड़ के अत्यधिक दबाव के कारण अखाड़ों ने अपना स्नान रद्द कर दिया है। कुंभ मेला प्राधिकरण की विशेष कार्यकारी अधिकारी आकांक्षा राणा ने कहा कि संगम नोज पर बैरियर टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। घटना में कुछ लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। कोई भी गंभीर नहीं है। वहीं पुलिस ने स्थित नियंत्रित करते हुए मौनी अमावस्या के अवसर पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने पर संगम के पास एंट्री प्वाइंट पर अखाड़े का मार्ग साफ कर दिया।