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पंजाब के स्कूलों को जारी हुई चेतावनी , होने जा रही बड़ी कार्रवाई

 सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) ने सभी एफिलिएटिड स्कूलों से शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता और अन्य आवश्यक जानकारी मांगी है लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि कई स्कूल इसको गंभीरता से नहीं ले रहे और अध्यापकों की योग्यता के बारे में बोर्ड को जानकारी नहीं भेज रहे। ऐसे लापरवाह स्कूलों पर सी.बी.एस.ई. भी सख्ती करने के मूड में है और एक महीने के भीतर अगर स्कूलों में डिटेल नहीं भेजी तो करवाई होनी तय है।

बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों को इन जानकारियों को बोर्ड की वैबसाइट पर दिए गए फॉर्मैट में 30 दिनों के भीतर अपलोड करना होगा। सी.बी.एस.ई. का यह कदम स्कूलों की प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। 4 साल पहले यानी 2021 में भी सी.बी.एस.ई. ने इस संबंध में निर्देश जारी किए थे। स्कूलों से कहा गया था कि वे अपनी ऑफिशियल वैबसाइट पर शिक्षकों और अन्य जानकारियों को निर्धारित फॉर्मैट में उपलब्ध कराएं। इसके बाद मई 2021 में एक रिमाइंडर भी भेजा गया था। हालांकि, कई स्कूलों ने इन निर्देशों का पालन किया लेकिन कुछ स्कूल अब भी पीछे हैं। इसी कारण सी.बी.एस.ई. ने अब 30 दिन की समय-सीमा तय करते हुए अंतिम चेतावनी जारी की है।

वैबसाइट ही नहीं है तैयार
सी.बी.एस.ई. के नए निर्देशों के अनुसार यदि तय समय-सीमा के भीतर स्कूल वैबसाइट पर उक्त जानकारी अपलोड नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, पैनल्टी लगाए जाने का प्रावधान भी किया गया है। ताज्जुब की बात यह है कि कई स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने अपनी वैबसाइट तक भी पूरी तरह से तैयार नहीं की है।

मैंडेटरी पब्लिक डिस्क्लोजर में क्या है शामिल?
बोर्ड ने जिन जानकारियों को अनिवार्य बताया है उनमें स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर, बिल्डिंग सेफ्टी, फायर सेफ्टी सर्टीफिकेट जैसी जानकारियों के साथ-साथ शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या, शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता, शिक्षक-छात्र अनुपात, स्पैशल एजुकेटर्स और वैलनैस टीचर्स की जानकारी शामिल है। इसके अलावा स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर पिछले 3 वर्षों के 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा परिणाम भी अपलोड करने होंगे। बोर्ड के मुताबिक यह कदम स्कूलों के शैक्षणिक और वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।