आम तौर पर मकर संक्रांति के बाद बिहार (Bihar) में कुछ नई राजनीतिक चीजें होती हैं। लेकिन इस दही-चूड़ा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) किसी राजनीतिक खेल की संभावनाओं को और कम करते हुए अपने कैबिनेट (Cabinet) का विस्तार कर सकते हैं। अक्टूबर-नवंबर में निर्धारित विधानसभा चुनाव 2025 से पहले पटना के राजनीतिक गलियारों में मंत्रिमंडल विस्तार की आहट से हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से चार नेताओं को मंत्री का पद मिल सकता है, जबकि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के दो और नेता मंत्री बन सकते हैं। 28 जनवरी को 12 महीने पूरा करने जा रही नीतीश कुमार की नौवीं सरकार में इस समय 30 मंत्री हैं। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक 6 मंत्री और बनाए जा सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि दूसरे कैबिनेट विस्तार में नीतीश कुमार पटना, सारण और तिरहुत प्रमंडल के नेताओं को मंत्री बना सकते हैं। इन इलाकों से मंत्री बनाकर राजनीतिक संदेश देने की कोशिश होगी। विधानसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण भी दुरुस्त किया जाएगा। नीतीश सरकार में भाजपा के 15, जेडीयू के 13, हम के 1 और 1 निर्दलीय मंत्री हैं। 6 और मंत्री बन सकते हैं लेकिन यह पूरी तरह नीतीश पर निर्भर है कि वो किस दल से कितने या किसे मंत्री बनाएंगे। 10 मौजूदा मंत्रियों के पास एक से अधिक विभाग की जिम्मेदारी है।