आधी रात को सरहिंद नहर के किनारे गांव गढ़ी तरखाना में झुग्गियों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों की 12 से अधिक झुग्गियों में आग लग गई, जिसमें उनके सारे कपड़े, नकदी, राशन के अलावा 7 पशु भी गंभीर रूप से झुलसने से मर गए। इस आग से झुग्गियों के पास खोखे में बनी 2 दुकानें भी राख हो गईं। झुग्गी में रहने वाले सोनू ने बताया कि रात करीब 12 बजे वह अपने परिवार के साथ सो रहा था और उसकी झुग्गी की छत से आग लगनी शुरू हो गई और जब उसे आग का अहसास हुआ तो उसने परिवार को बाहर निकाला और चिल्लाना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में आग ने वहां बनी 12 से ज्यादा झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया और उनकी आंखों के सामने ही सबकुछ राख में तब्दील हो गया।
गरीबों ने पहले अपने बच्चों को जली हुई झुग्गियों से बाहर निकाला और फिर जानवरों को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन तब तक वे आग की चपेट में आ चुके थे। इस आग में 6 बकरी, 1 गाय, 1 मोटरसाइकिल, करीब 50 से 1 लाख रुपये नकद, राशन, कपड़े सब जलकर राख हो गये। इस हादसे में सीता राम मुखिया की कपड़े की दुकान भी जलकर राख हो गयी, जिससे उन्हें 3.50 लाख रुपये का नुकसान हुआ। एक और गरीब महिला की छोटी सी कपड़े और जूते की दुकान थी, वह भी जलकर राख हो गई। आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंची, जिसके बाद उन्होंने आग पर काबू पाया, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बावजूद आग पूरी तरह से नहीं बुझी।
प्रशासन और समाज सेवी संस्थाओं को गरीबों की मदद के लिए आगे आए
झुग्गियों में आग लगने से इन गरीबों का सबकुछ जलकर राख हो गया। यहां न पहनने को कपड़े थे, न खाने को राशन और न सिर पर छत। गरीब परिवारों ने प्रशासन और समाज सेवी संस्थाओं से अपील की है कि वे इस मुश्किल घड़ी में उनकी मदद के लिए आगे आएं।
किसी शरारती तत्व द्वारा आग लगाने का संदेह
प्रभावित परिवारों ने बताया कि वे रात को अपने परिवार के साथ सो रहे थे तभी उन्हें शक हुआ कि किसी शरारती तत्व ने झुग्गी की छत पर आग लगा दी है, जिससे सारी झुग्गियां आग की चपेट में आ गईं। पीड़ित परिवारों का कहना है कि पुलिस विभाग मामले की जांच करे और अगर किसी ने आग लगाई है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे।