राजस्थान (Rajasthan) की राजधानी जयपुर (Capital Jaipur) में हुए गैस टैंकर हादसे (Gas tanker accidents) में मरने वालों की संख्या 14 तक पहुंच गई है। यह संख्या बढ़ने के आसार है। क्योंकि कई घायलों की स्थिति नाजुक बनी हुई है। करीब 35 से ज्यादा वाहन जलकर राख हो गई है। बता दें शुक्रवार 20 दिसंबर की सुबह जब ज्यादातर लोग नींद की आगोश में थे, तब जयपुर-अजमेर हाईवे (Jaipur-Ajmer Highway) पर हादसा हो गया। 13 लोगों की राजधानी जयपुर के एसएमएस अस्पताल में मौत हुई है। जबकि एक व्यक्ति की जयपुरिया अस्पताल में मौत हुई है।
ब्लैक स्पॉट्स पर सख्ती
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) ने प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं मे कमी लाने के लिए विशेष अभियान चलाकर ब्लैक स्पॉट्स को ठीक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सड़क दुर्घटना के संभावित स्थानों को चिन्हित कर इनका शीघ्र सुधार किया जाए, ताकि वाहन दुर्घटनाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान को रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अभियान के दौरान कार्यों की गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए और कामों को निर्धारित अवधि में पूरा करवाया जाए।
वहीं, जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने एक जांच कमेटी का गठन किया है। इस जांच कमेटी में अलग-अलग विभागों के छह अधिकारियों को शामिल किया गया है। जांच कमेटी के लिए जितेंद्र कुमार सोनी ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया। जिला कलेक्टर ने बताया कि जयपुर के भांकरोटा में हुए एलपीजी टैंकर और ट्रक के बीच हादसे के मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने के आदेश राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए थे।
जयपुर-अजमेर हाईवे पर भांकरोटा के पास एलपीजी टैंकर को एक ट्रक ने टक्कर मार दी। जिसके बाद भयानक आग भड़की। इस आग ने ऐसा विकराल रूप पकड़ा कि इसकी जद में आकर 14 लोगों की मौत हो गई। 44 लोग बुरी तरह से झुलस गए, जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। छोटी-बड़ी 37 गाड़ियां जल गई। गाड़ियां जली भी इस कदर कि उनका सिर्फ लोहे का ढांचा बचा। इस हादसे से जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया में तैर रही है। जिसे देखकर इस हादसे की भयावहता का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
इस हृदय विदारक भीषण हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है, लेकिन कहा जा रहा है कि मौत की संख्या और बढ़ेगी, क्योंकि काफी लोगों की स्थिति नाजुक है। अभी 10 ऐसे घायल लोग हैं जो 90 से 60 फीसदी तक झुलसे हैं। इसमें यूसुफ 90 फीसदी, गोविंद 85 फीसदी, राजूराम 65 फीसदी जले हैं और विजेता 70 फीसदी झुलसी हैं। ये सभी वेटिंलेटर पर हैं, जबकि नरेश 80 फीसदी, बंशीलाल 65 फीसदी, विजेंद्र 60 फीसदी, लालाराम 60 फीसदी, फैजान 50 फीसदी और अशोक पारीक 50 फीसदी झुलसे हुए हैं।
सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुशील भाटी का कहना है कि अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं कर दी गई गई थी। कुछ मरीजों की स्थिति काफी गंभीर है. डॉक्टर भाटी के मुताबिक कुछ मरीज ऐसे भी भर्ती हैं जिनका रेस्पिरेटरी सिस्टम यानी सांस लेने की नली भी डैमेज हो गई है। क्योंकि गर्म स्मोक ने रेस्पिरेटरी सिस्टम को नुकसान पहुंचाया है। डिपार्टमेंट ऑफ इनफर्मेशन टेक्नोलॉजी की भी मदद की जा रही है ताकि इन लोगों की पहचान की जा सके। इसके अलावा एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
इस बीच, जो जलने के बाद भी चल रहा था, उसका नाम गोविंद सिंह है। यह केकड़ी जिले के सावर तहसील के सदारा गांव का व्यक्ति हैं जो अपनी शादी के काम से जयपुर आए थे। इनकी शादी 1 जनवरी को थी। इस युवक ने अपने दोस्त को फोन किया। लेकिन वह बच नहीं पाया।