लोकसभा (Lok Sabha) में संविधान (constitution) पर चर्चा की शुरुआत केंद्रीय रक्षा मंत्री (Union Defence Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने की। उन्होंने कहा कि ’75 साल पहले संविधान सभा ने संविधान निर्माण का काम पूरा किया था। संविधान सभा ने जो संविधान तैयार किया था, वह केवल कानूनी दस्तावेज नहीं था बल्कि वह जनआकांक्षाओं का प्रतिबिंब था।’
राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान से देश में सही मायने में लोकतंत्र लागू हुआ। हमारा संविधान सार्वभौम है, जहां यह राज्य की जिम्मेदारियों को सूचीबद्ध करता है तो वहीं नागरिकों के अधिकारों का भी उल्लेख करता है। हमारा संविधान सहकारी सघंवाद को सुनिश्चित करता है तो राष्ट्र की एकता को भी सुनिश्चित करता है। भारत का संविधान देश के गौरव को स्थापित करने का रोडमैप भी है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा हमारे संविधान को उपनिवेशवाद का उपहार या अच्छी बातों का संकलन मात्र मान लिया जाता है। पिछले कुछ वर्षों से देश में ऐसा माहौल बनाया गया कि संविधान एक पार्टी की विशेष देन है। संविधान निर्माण में बहुत से लोगों की भूमिका को नकार दिया गया।
अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘एक पार्टी विशेष के नेता संविधान की प्रति अपनी जेब में रखकर चलते हैं। दरअसल उन्होंने अपने पूर्वजों से यही सीखा है।’ राजनाथ सिंह का यह तंज कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर माना जा रहा है।