राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 2001 में संसद हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि राष्ट्र आतंकवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “मैं 2001 में इस दिन हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुरों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनका साहस और निस्वार्थ सेवा हमें प्रेरित करती रहती है।”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि आतंकवादी हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिक हमेशा लोगों को राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “लोकतंत्र, भारतीय संसद पर आतंकवादी हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को नमन। आपकी कर्तव्यनिष्ठा, अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान राष्ट्र के प्रति आपकी अटूट निष्ठा का प्रमाण है।”
13 दिसंबर, 2001 को भारतीय संसद पर हुए भीषण आतंकवादी हमले में दिल्ली पुलिस के पांच जवान, संसद सुरक्षा सेवा के दो जवान, सीआरपीएफ के एक कांस्टेबल और एक माली की मौत हो गई थी। इस हमले में कुल पांच आतंकवादी मारे गए थे, जिन्होंने गृह मंत्रालय और संसद के लेबल वाली कार में संसद में घुसपैठ की थी।