सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया है। कोर्ट ने अपने सवाल में पूछा की कब लोगों को फ्री में राशन दिया जाएगा। सरकार रोज़गार के मौके क्यों नहीं पैदा कर रही। अदालत ने कहा, “अगर राज्यों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया, तो उनमें से कई वित्तीय संकट का हवाला देते हुए कहेंगे कि वे ऐसा नहीं कर सकते, और इसलिए अधिक रोजगार पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।”
अदालत का कहना है कि राज्य सरकारें लोगों को खुश करने के लिए राशन कार्ड जारी करना जारी रख सकती हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि अनाज उपलब्ध कराने का दायित्व केंद्र का है। इसी के साथ केंद्र ने ये सवाल भी किया कि अगर राज्य राशन कार्ड जारी करना जारी रखते हैं तो क्या उन्हें राशन के लिए भुगतान करना चाहिए।
फिलहाल अदालत प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं और दुर्दशा को उजागर करने वाली एक याचिका पर विचार कर रही थी, जहां उसने पहले निर्देश दिया था कि NFSA के तहत राशन कार्ड/खाद्यान्न के लिए पात्र और हकदार और संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उनकी पहचान की गई है। 19 नवंबर 2024 से पहले राशन कार्ड जारी किए जाएं। यह मामला 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोविड महामारी के कारण शुरू किया गया था। सॉलिसिटर जनरल ने टिप्पणी करते हुए कहा भूषण सरकार चलाने और नीतियां खुद बनाने की कोशिश कर रहे थे।