पंजाब के पुलिस स्टेशनों पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। पिछले 10 दिनों में पंजाब में पुलिस स्टेशनों को निशाना बनाने की 4 घटनाएं गंभीर चिंता का विषय है। खासकर आतंकियों द्वारा सोशल मीडिया पर इन घटनाओं की जिम्मेदारी लेना और आरोपियों को कानून के शिकंजे में न लाना और भी चुनौतीपूर्ण है।
चंडीगढ़ में 2 नाइट क्लबों के बाहर विस्फोटों की घटना के बाद, पंजाब में, खासकर ग्रामीण अमृतसर और नवांशहर इलाकों में पुलिस स्टेशनों और चौकियों को निशाना बनाकर विस्फोटक सामग्री और ग्रेनेड हमलों की घटनाओं के बाद पंजाब पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। नवंबर के अंत में अमृतसर के अजनाला थाने की दीवार के पास रखी विस्फोटक सामग्री की जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज, जिसमें देर रात मोटरसाइकिल पर 2 आरोपी साफ नजर आ रहे हैं, अभी तक पुलिस को नहीं मिले हैं। पुलिस जांच चल ही रही थी कि 29 नवंबर को अमृतसर के गुरबख्श नगर पुलिस चौकी पर हैंड ग्रेनेड फेंकने की घटना हो गई।
इसी बीच 2 दिसंबर को नवांशहर के काठगढ़ पुलिस स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश की गई। वहीं 4 दिसंबर को मजीठा थाने में भी ऐसी ही घटना हो गई। बेशक स्थानीय पुलिस इसे टायर विस्फोट बता रही है, लेकिन सूत्रों की मानें तो जमीनी सच्चाई कुछ और है। एक तरफ पंजाब में पुलिस स्टेशनों को निशाना बनाने की घटनाएं हो रही हैं तो दूसरी तरफ विदेश में सक्रिय आतंकियों द्वारा इसकी जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर कई दावे किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पोस्ट पर पिछले 10 दिनों में हुई 4 घटनाओं के लिए गैंगस्टर से आतंकी बने हैप्पी परसिया, गोपी नवांशहर और जीवन फौजी को जिम्मेदार ठहराया गया है और इसके पीछे की वजह भी बताई गई है। कई सालों से आतंकवाद का शिकार रहा पंजाब इस समय कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। गैंगस्टरों द्वारा व्यवसायियों से रंगदारी वसूलने या भयावह रूप ले चुकी ड्रग तस्करी की घटनाएं पहले से ही एक चुनौती बनी हुई हैं। ऐसे में विदेश में बैठे अपने गुरुओं के जरिए पंजाब में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का खतरा है।