बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदू अल्पसंख्यकों (Hindu Minorities) पर हिंसा (Violence) की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. इसी बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के प्रेस सचिव का एक बड़ा बयान सामने आया है. एक इंटरव्यू में प्रेस सचिव शफीकुल इस्लाम (Shafiqul Islam) ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और हिंसा की घटनाओं को स्वीकार किया है. इंटरव्यू के दौरान शफीकुल इस्लाम ने बताया कि हां बांग्लादेश में कुछ हिंदू अल्पसंख्यकों पर हिंसा की कुछ घटनाएं हुई हैं और मैं इन घटनाओं के घटित होने से इनकार नहीं कर रहा हूं.
इस मामले पर उन्होंने कहा कि हिंसा की कई घटनाएं राजनीति से प्रेरित थीं. यहां के बहुत से हिंदू भाई आवामी लीग को पसंद करते हैं और उसका समर्थन भी करते हैं. हिंदू समुदाय से आने वाले कई नेताओं ने बहुत से अलग-अलग पदों पर काम भी किया है. उन्होंने कहा कि हम कई तरीकों से उनके खिलाफ होने वाली घटनाओं का मुकाबला करने की कोशिश कर रहे हैं. अल्पसंख्यक लोगों की सुरक्षा के लिए हम कई फैसले ले रहे हैं, देश में करीब डेढ़ करोड़ के पास हिंदू समुदाय से जुड़े लोग रहते हैं. हम सब भी उन्हीं के साथ ही वहां रहते हैं.
प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने इस्कॉन को लेकर भी बांग्लादेश सरकार का स्टैंड साफ किया है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में इस्कॉन पर बैन नहीं लगाया जाएगा. उन्होंने हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास के गिरफ्तार होने के बाद इस इस्कॉन पर बैन की अटकलों को साफ किया है. अल्पसंख्यक लोगों की सुरक्षा के लिए हम कई फैसले ले रहे हैं, देश में करीब डेढ़ करोड़ के पास हिंदू समुदाय से जुड़े लोग रहते हैं. हम सब भी उन्हीं के साथ ही वहां रहते हैं.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि यूनुस सरकार बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने में फेल हो चुकी है. न्यूयॉर्क के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि यूनुस नरसंहार के मास्टरमाइंड हैं. वो वर्चुअल माध्यम के जरिए इस कार्यक्रम से जुड़ी थीं. उन्होंने 5 अगस्त का जिक्र करते हुए कहा कि उनके आधिकारिक आवास पर कई सारे हथियार से लैस प्रदर्शनाकरियों को भेजकर गोली चलवाई गई. करीब आधे घंटे तक वहां गोलियों चलाई जाती रहीं, ऐसे में कई लोगों की जानें जा सकती थीं.