कनाडा में टोरंटो के स्कारब्रॉ में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर की याचिका पर ओंटारियो के कोर्ट ने सुनवाई की है। कोर्ट ने सख्त शब्दों में कहा है कि मंदिर में कॉन्सुलर कैंप के दौरान 100 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू रहेगी। बिना इजाजत कोई भी मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएगा।
सुपीरियर कोर्ट ऑफ जस्टिस के जज ने कहा कि मंदिर मांग कर रहा है कि परिसर के 100 मीटर के दायरे में उपद्रवी पहुंच ना पाएं और इसके लिए निषेधाज्ञा की जरूरत है। पिछले मामलों को देखते हुए मंदिर को इजाजत दी जाती है। कोर्ट ने कहा कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि मंदिर पर हमला हो सकता है। वहीं कॉन्सुलर कैंप में बुजुर्ग लोग पहुंचते हैं। ऐसे में अगर हमला होता है तो जान को भी नुकसान हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोर्ट निषेधाज्ञा नहीं लगाता है तो गंभीर क्षति हो सकती है। कोर्ट ने टोरंटो पुलिस को निर्देश दिया है कि मंदिर में अगर कोई बिना आज्ञा के प्रवेश करनी की कोशिश करता है तो उसे गिरफ्तार किया जाए और एक्शन लिया जाए। यह नियम शनिवार को सुबह 8 बजे से 6 बजे तक लागू रहेगा। बता दें कि मंदिर में लगने वाले कॉन्सुलर कैंप को पहले भी खालिस्तानी निशाना बना चुके हैं। खालिस्तान समर्थक भारतीय दूतावास का विरोध करते हैं। आने वाले वीकेंड में इंडिया मिशन कनाडा में आखिरी बैच के कॉन्सुलर कैंप आयोजित करने जा रहा है। लक्ष्मी नारायण मंदिर के अलावा सूरी में भी कैंप का आयोजन किया जाएगा। बीते सप्ताह भी शिविरों का आयोजन होना था लेकिन अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और खालिस्तानियों के हमले की वजह से कैंप कैंसल कर दिए गए। 3 नवंबर को ब्राम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानियों ने हमला कर दिया था। इस मामले को लेकर पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था। इस मामले को लेकर कार्रवाई अभी भी जारी है।