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इस्लामिक राष्ट्र बनने की राह पर बांग्लादेश, संविधान से सेक्युलरिज्म-धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने का प्रस्ताव; अटॉर्नी जनरल कर रहे पैरवी

हिंसक छात्र आंदोलन (Violent Student Protests) के चलते गत पांच अगस्त को शेख हसीना (Sheikh Hasina) की सरकार (Government) के पतन के बाद बांग्लादेश (Bangladesh) अब इस्लामिक देश (Islamic Nation) बनने की राह पर बढ़ता दिख रहा है। देश के अटॉर्नी जनरल (Attorney General) मोहम्मद असदुज्जमां ने इसके लिए पैरवी की है। उन्होंने संविधान में बड़े बदलाव करने और धर्मनिरपेक्ष समेत कई प्रमुख शब्दों को हटाने का सुझाव दिया है।

उन्होंने कहा कि समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता उस देश की वास्तविक तस्वीर पेश नहीं करते, जहां 90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। यूनाइटेड न्यूज आफ बांग्लादेश की खबर के अनुसार, असदुज्जमां ने समाजवाद, बंगाली राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्ष और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को राष्ट्रपिता की उपाधि देने जैसे प्रविधानों को हटाने का सुझाव दिया है।

उन्होंने हाई कोर्ट में बांग्लादेश के 15वें संविधान संशोधन की वैधता पर चल रही सुनवाई के पांचवें दिन इस तरह की पैरवी की। उन्होंने मूल वाक्यांश को पुन: स्थापित करने की वकालत की, जिसमें अल्लाह पर अटूट विश्वास पर जोर दिया गया था। उन्होंने अनुच्छेद नौ में बंगाली राष्ट्रवाद की प्रासंगिकता पर भी सवाल उठाया और इसे आधुनिक लोकतांत्रित सिद्धांतों के साथ असंगत करार दिया। असदुज्जमां ने यह दलील दी कि ये बदलाव देश को लोकतांत्रिक और ऐतिहासिक चरित्र के अनुरूप बना देंगे।