राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने हाल ही में राजनीति से संन्यास लेने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वह अब कोई भी चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं और युवाओं को राजनीति में आगे आने का मौका देना चाहते हैं। पवार के इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है।
पवार ने बारामती दौरे के दौरान यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अब तक 14 बार चुनाव लड़ा है और अब उन्हें लगता है कि उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह अब राज्यसभा सदस्य के रूप में सेवाएं दे रहे हैं और उनके पास अभी डेढ़ साल का समय बाकी है। इसके बाद वे सोचेंगे कि क्या उन्हें फिर से राज्यसभा जाना चाहिए या नहीं।
पवार ने कहा कि उन्हें लगता है कि अब युवाओं को राजनीति में आगे आने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा लोगों के लिए काम किया है और अब वे चाहते हैं कि युवा पीढ़ी भी देश के लिए कुछ करे।
शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पहले भी पवार के रिटायरमेंट पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि पवार को अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। पवार के इस ताजा बयान ने इन चर्चाओं को और हवा दे दी है।
शरद पवार के संभावित संन्यास से महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है। पवार एनसीपी के सबसे बड़े नेता हैं और उनके जाने से पार्टी में नेतृत्व संकट पैदा हो सकता है।