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डीजीपी गाैरव यादव : रंगदारी की 80 फीसदी कॉल्स नकली, बड़े गैंगस्टरों का नाम लेकर डरा रहे छोटे अपराधी

पंजाब के डीजीपी गौरव यादव का कहना है कि रंगदारी के 80 फीसदी काॅल नकली होते हैं। छोटे अपराधी बड़े गैंगस्टर्स का नाम लेकर डरा रहे हैं। यादव जालंधर में शहीदों के राज्यस्तरीय समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे, जिस दौरान उन्होंने पंजाब की मौजूदा स्थिति व अपराध व नशे पर खुलकर रोड मैप का जिक्र किया वहीं आम जनता के साथ मिलकर नशे को खत्म करने पर बात की।

सवाल: पंजाब में छीना झपटी व रोड क्राइम काफी बढ़ गया है, इससे कैसे निपटा जा रहा है
उत्तर: स्ट्रीट क्राइम से निपटने के लिए क्राइम मैपिंग का उपयोग करके अपराध के हॉटस्पॉट की पहचान करने और ऐसे क्षेत्रों में पुलिस गश्त और तैनाती बढ़ाने की रणनीति तैयार की गई है। नशे के चक्र को तोड़ने के लिए लोगों की मदद से नशे के हॉटस्पॉट की पहचान की जा रही है। सीपी व एसएसपी नशा बिक्री बिंदुओं के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी जुटाने के लिए सार्वजनिक बैठकें आयोजित कर रहे हैं।

सवाल: पड़ोसी राज्य हरियाणा से गैंगस्टर व मध्य प्रदेश से हथियार आ रहे हैं। इनसे आप कैसे निपटने की तैयारी कर रहे हैं।
उत्तर: हमारी फोर्स ने पिछले दिनों 400 अवैध हथियार बरामद किए हैं, जो मध्य प्रदेश से लाए गए थे। हरियाणा से भी अपराधी पंजाब आ रहे हैं। मेरी मध्य प्रदेश व हरियाणा के शीर्ष अधिकारियों से लगातार बात हो रही है। हम आपस में इनपुट शेयर कर रहे हैं, इसी कारण काफी गैंगस्टर सलाखों के पीछे हैं।

सवाल: पंजाब में जबरन वसूली की शिकायतें आ रही हैं।
उत्तर: पंजाब पुलिस की ओर से किए गए विश्लेषण से पता चला है कि 80 प्रतिशत से अधिक ऐसे कॉल स्थानीय अपराधियों की ओर से कुख्यात गैंगस्टर होने का दिखावा करके किए जा रहे हैं। जबकि 20 प्रतिशत से भी कम वास्तविक तथाकथित गैंगस्टरों द्वारा किए जा रहे हैं। मेरी अपील है कि कोई भी फिरौती की कॉल आती है तो इसकी शिकायत पुलिस के पास जरूर दी जाए। हमारे पास आधुनिक उपकरण है, जिससे साफ हो जाता है कि फिरौती की कॉल असली है या नकली। यानी किसी छोटे अपराधी द्वारा बड़े गैंगस्टर का नाम लेकर तो नहीं गई है?

सवाल: पंजाब पुलिस तनाव में है, दो एएसआई ने एक अपराधी के फरार होने पर डरकर खुदकुशी कर ली, ऐसा पहली बार हुआ है?
उत्तर: पंजाब पुलिस ने कर्मचारियों के लिए एक स्वास्थ्य बीमा योजना भी शुरू की है, जिसके तहत राज्य भर में 300 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। यहां पुलिसकर्मी रियायती दरों पर चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं। मुलाजिमों पर वर्क लोड अधिक है। मानसिक तनाव है, कई बार ड्यूटी लंबी हो जाती है। जब मुझे पता चला कि दो जवानों ने खुदकुशी की है तो मैंने सीपी स्वप्न शर्मा से बात की। सारी तहकीकात तो सामने आया कि दोनों एएसआई ने खुदकुशी की थी। तनाव कम करने के लिए एडीजीपी फारूखी एक प्रोजेक्ट चला रहे हैं। वहीं, 10 हजार मुलाजिमों की भर्ती की जा रही है।

सवाल: दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की ओर से जान को खतरे की बात कही गई है, उनकी सुरक्षा को लेकर क्या किया जा रहा है?
उत्तर: हमारी तरफ से जत्थेदारों की सुरक्षा का रिव्यू किया जाता है और उनकी सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर है। अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं आई है और अगर कोई शिकायत आई तो ठोस कार्रवाई की जाएगी।

शहीदों के परिवारों की समस्याएं सुनीं
डीजीपी गौरव यादव ने शहीदों के परिवारों से भी मुलाकात की और उनकी सहानुभूतिपूर्वक बात सुनी और शहीदों के परिवारों को पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस की ओर से पूर्ण समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया। डीजीपी पंजाब को सलामी देने के बाद, कमांडेंट 75वीं बटालियन पीएपी जालंधर विवेक शील सोनी की ओर से इस वर्ष कानून व्यवस्था बनाए रखने के दौरान शहीद हुए पंजाब पुलिस के कांस्टेबल अमृतपाल सिंह और पीएचजी जसपाल सिंह सहित सभी 213 पुलिस शहीदों के नाम पढ़े गए। इस अवसर पर दो मिनट का मौन रखा गया और बाद में वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।