हरियाणा की राजनीति के अनुभवी और जुझारू नेता अनिल विज को एक बार फिर से मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 71 वर्षीय विज ने राजनीति में लंबे समय तक अपनी छाप छोड़ी है, और अंबाला कैंट से लगातार छह बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। उनकी राजनीति की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई, जब वे एसडी कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। इसके बाद वे 1970 में एबीवीपी के महासचिव बने और 1974 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी ज्वाइन की।
उनकी राजनीति में असली एंट्री 1990 में हुई, जब सुषमा स्वराज के राज्यसभा सदस्य बनने के बाद अंबाला कैंट की विधानसभा सीट खाली हुई। अनिल विज ने नौकरी से इस्तीफा देकर भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष बने। विज ने 1996 और 2000 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और दोनों बार जीत दर्ज की। हालांकि 2005 में उन्हें कांग्रेस के देवेंद्र बंसल से हार का सामना करना पड़ा।
2009 में भाजपा में वापसी करने के बाद, विज ने अंबाला कैंट से चौथी बार चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया। 2014 में उन्हें भाजपा ने फिर से मौका दिया और विज ने जीतकर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। 2019 में विज ने छठी बार चुनाव जीतते हुए अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया और गृह, स्वास्थ्य समेत कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली।