हरियाणा में शानदार जीत के बाद अब भाजपा में सरकार गठन की कवायद शुरू हो गई है। शपथ ग्रहण समारोह पंचकूला में होने की संभावना है। आयोजन में पीएम मोदी समेत कई राज्यों के सीएम के पहुंच सकते हैं। संभवत विजय उत्सव के दिन सैनी शपथ ले सकते हैं।
हरियाणा में प्रचंड जीत के बाद भाजपा ने सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को पीएम मोदी समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात की। सैनी ने शपथ ग्रहण और मंत्रिमंडल गठन को लेकर सभी के साथ चर्चा की। भाजपा ने वीरवार को विधायक दल की बैठक भी बुला ली है।
सभी विधायकों को चंडीगढ़ पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय पर्यवेक्षक भी चंडीगढ़ आएंगे। बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। उधर, मुख्य सचिव कार्यालय में शपथ ग्रहण समारोह को लेकर बुधवार को पुलिस अधिकारियों को लेकर बैठक हुई।
पीएम से मिले थे नायब सैनी
पीएम आवास में मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम सैनी को हरियाणा में एतिहासिक जीत की बधाई दी और उनकी पीठ थपथपाई। करीब आधे घंटे की बातचीत में भाजपा की हैट्रिक, शपथ ग्रहण समारोह, मंत्रिमंडल का गठन और भावी योजनाओं के रोडमैप पर चर्चा हुई।
भेंट की फोटो एक्स पर शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिला और विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली एतिहासिक जीत के लिए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। मुझे विश्वास है कि विकसित भारत के संकल्प में हरियाणा की भूमिका और महत्वपूर्ण होने जा रही है। पीएम से मिलने के बाद नायब सिंह सैनी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान व बिप्लब कुमार देब से मुलाकात की।
सैनी का मुख्यमंत्री बनना तय
हरियाणा का अगला मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ही होंगे। पार्टी के अंदर इसे लेकर कोई शंका नहीं है। पीएम मोदी व शाह अपनी रैलियों में नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री का चेहरा बता चुके हैं। ऐसे मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई सस्पेंस नहीं है। हालांकि डिप्टी सीएम के फार्मूले को लेकर पार्टी के अंदर चर्चा शुरू हो गई है।
दरअसल जातियों को समीकरण को साधने के लिए भाजपा इस फार्मूले पर आगे बढ़ सकती है। हालांकि 2014 में जब पार्टी ने अपने दम पर सरकार बनाई थी तो उस दौरान डिप्टी सीएम नहीं बनाया था। 2019 में बहुमत कम पड़ने पर सहयोगी पार्टी को डिप्टी सीएम का पद सौंपा गया था। उसके बाद पार्टी ने मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी डिप्टी सीएम बनाए हैं। ऐसे में चर्चा है कि किसी दलित को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।
मंत्रिमंडल के लिए लॉबिंग शुरू, जाति का रहेगा अहम रोल
नई सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए विधायकों ने लॉबिंग शुरू कर दी है। कई विधायकों ने दिल्ली पहुंच शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। इनमें गोहाना से चुने गए विधायक अरविंद शर्मा, इसराना के विधायक कृष्ण लाल पंवार, महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह, पानीपत ग्रामीण से तीसरी बार चुने गए विधायक महिपाल ढांडा समेत कई अन्य विधायक शामिल थे। मंत्रिमंडल में जिन दावेदारों के नामों की चर्चा है, उनमें कई दिग्गज विधायक भी शामिल हैं। हालांकि मंत्रिमंडल में भाजपा जाति व क्षेत्रीय समीकरण को साधने की पूरी कोशिश करेगी। भाजपा के पक्ष में दलित, अहीर, गुर्जर, जाट, वैश्य, जाट, ब्राह्मण और राजपूतों ने बंपर वोटिंग की। भविष्य की राजनीति को देखते हुए पार्टी इन सभी जातियों को साधने की पूरी कोशिश करेगी।
इन नामों पर चर्चा
अनिल विज : अंबाला कैंट से सातवीं बार विधायक चुने गए हैं। भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं।
कृष्ण लाल पंवार : इसराना से विधायक चुने गए हैं। मनोहर सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल थे। पार्टी का दलित चेहरा हैं।
मूलचंद शर्मा : बल्लभगढ़ से तीसरी बार जीते मूल चंद शर्मा मनोहर व सैनी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। ब्राह्मण समुदाय से आते हैं।
महिपाल ढांडा : पानीपत ग्रामीण से तीसरी बार विधायक चुने गए महिपाल ढांडा सैनी सरकार में मंत्री थे। पार्टी के पुराने नेताओं में शामिल। जाट बिरादरी से आते हैं।
विपुल गोयल : फरीदाबाद से चुने गए गोयल मनोहर सरकार में मंत्री थी। वैश्य प्रतिनिधित्व देने के लिए गोयल को मौका मिल सकता है।
रणबीर गंगवा : बरवाला से जीते रणबीर गंगवा मंत्रिमंडल और स्पीकर बनने की दौड़ में हैं। ओबीसी के कुम्हार जाति से आते हैं।
राव नरबीर : बादशाहपुर से 60 हजार मतों से जीते मनोहर सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे। वह राव इंद्रजीत के विरोधी खेमे से आते हैं। इंद्रजीत को बैलेंस करने के लिए राव नरबीर का कद बढ़ा सकती है।
आरती राव : केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी। उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर पार्टी युवा, महिला व अहीरवाल क्षेत्र को प्रतिनिधित्व दे सकती है।
कृष्ण कुमार बेदी : नरवाना से जीते बेदी मनोहर सरकार में मंत्री थे। दलित चेहरा होने की वजह से दावा मजबूत है।
हरविंद्र कल्याण : घरौंदा से तीसरी बार जीते हरविंद्र कल्याण स्पीकर व मंत्री बनने की दौड़ में हैं। वह रोड जाति से हैं।
सावित्री जिंदल या कृष्णा गहलावत : भाजपा को समर्थन देने वाली सावित्री जिंदल को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। वह काफी वरिष्ठ नेता हैं। वहीं, राई से चुनी गई विधायक कृष्णा गहलावत के नाम पर भी चर्चा है। वह जाट बिरादरी से हैं।
डा. कृष्ण लाल मिड्डा : पंजाबी समुदाय से आते हैं। तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। मनोहर के करीबियों में होती है गिनती।
राजेश नागर : तिगांव से विधायक। गुर्जर समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के लिए पार्टी उन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है।