आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) से पहले राज्य के विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (MVA) में मुख्यमंत्री (Chief Minister) चेहरे को लेकर खींचतान जारी है। जहां उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) ने चुनाव से पहले सीएम चेहरे घोषित करने की मांग की है तो वहीं शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने इससे साफ इनकार किया है। अब गठबंधन की एक और साथी पार्टी कांग्रेस ने बड़ा ऐलान कर दिया है। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) द्वारा आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करने से इनकार करने के बावजूद, कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने गुरुवार को विश्वास व्यक्त किया कि अगला मुख्यमंत्री कांग्रेस से होगा।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, थोराट ने भयंदर (पश्चिम) में चुनावों की तैयारी के लिए कांग्रेस पार्टी के कोंकण संभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा, “मैं सभी से गठबंधन के रूप में लगन से काम करने का आग्रह करता हूं। मुझे 100 प्रतिशत यकीन है कि मुख्यमंत्री महा विकास अघाड़ी से आएगा और कांग्रेस से होगा। आइए इसे हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करें।” उन्होंने आगामी नगरपालिका और जिला परिषद चुनावों की तैयारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “इन पर अभी से काम करना शुरू करें, क्योंकि ये भी महत्वपूर्ण हैं।”
एमवीए में शामिल तीनों पार्टियों-शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) और कांग्रेस ने पहले ही कहा है कि वे चुनावों के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम नहीं बताएंगे। थोराट की घोषणा से पहली बार ऐसा हुआ है कि एमवीए के किसी वरिष्ठ नेता ने खुले तौर पर कहा है कि अगला मुख्यमंत्री कांग्रेस से होगा। अन्य दो सहयोगियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। एनसीपी (एसपी) के एक वरिष्ठ नेता ने टिप्पणी की कि थोराट के इस बयान में कुछ भी गलत नहीं है कि अगला सीएम एमवीए से होगा।
इससे पहले बैठक में कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा, “लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सत्तारूढ़ पार्टी के एक सांसद, विधायक और एक केंद्रीय मंत्री द्वारा दी गई धमकियों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। राहुल गांधी की प्रतिष्ठा भारत और विदेश दोनों में काफी बढ़ गई है। वह नरेंद्र मोदी और आरएसएस को सक्रिय रूप से चुनौती देने वाले एकमात्र नेता हैं, जो भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। यही कारण है कि भाजपा और उसके सहयोगी लगातार धमकियां दे रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी बेफिक्र हैं।”