हरियाणा की पहचान अपने जवानों और खिलाड़ियों को लेकर रही है। अपने खेल कौशल के दम पर पूरी दुनिया में हरियाणा का नाम चमकाने वाले खिलाड़ी अकसर हरियाणा के राजनीति के मैदान में भी दस्तक देते रहे हैं। हालांकि सियासी अखाड़े में कईं खिलाड़ी अपने मुकान पर पहुंचे तो कईं खिलाड़ी आउट हुए हैं। अब हरियाणा में हो रहे विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से कईं राजनीतिक पार्टियों ने मैदान में भारत के लिए पसीना बहाने वाले चार इंटरनेशनल खिलाड़ियों को राजनीति के दंगल में उतारा है। चलिए आपकों बताते हैं कि कौन सा खिलाड़ी कहां से अपनी राजनीतिक किस्मत आजमा रहा है और पूर्व में हरियाणा सियासी दंगल में उतरे खिलाड़ियों का राजनीतिक कैरियर कैसा रहा…?
रेसलर और पहलवान के कारण बनी हॉट सीट
खेल के मैदान में पसीना बहाने वाले खिलाड़ियों में जुलाना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने पेरिस ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल में वजन ज्यादा होने के कारण बाहर हुईं अंतरराष्ट्रीय पहलवान विनेश फोगाट को प्रत्याशी बनाया है। इसी सीट पर आम आदमी पार्टी ने भारत की पहली महिला डब्ल्यूडब्लयूई रेसलर कविता दलाल को उम्मीदवार बनाया है। दो पहलवानों को टिकट मिलने के चलते यह सीट प्रदेश की चर्चित सीटों में शुमार हो गई है।
बीजेपी ने 2 खिलाड़ी मैदान में उतारे
भाजपा ने भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक हुड्डा को महम विधानसभा सीट से तो अंतरराष्ट्रीय स्तर की शूटर आरती राव को अटेली विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। ये चारों पहली बार सियासत की पिच पर उतरे हैं। 30 वर्षीय दीपक हुड्डा भाजपा के 90 उम्मीदवारों और 30 वर्षीय विनेश फोगाट कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों में सबसे युवा हैं।
इन कारणों से चर्चा में रहे
विनेश फोगाट : पेरिस ओलंपिक के फाइनल तक पहुंचने वाली देश की पहली महिला पहलवान हैं। 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण विनेश फाइनल मैच से पहले अयोग्य घोषित हो गईं थीं।
कविता दलाल : भारत की पहली महिला डब्ल्यूडब्लयूई रेसलर कविता दलाल सलवार सूट पहनकर रिंग में उतरने की वजह से काफी प्रसिद्ध हुई थीं।
दीपक हुड्डा : भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान। 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे।
आरती राव : अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्कीट शूटर हैं। उन्होंने चार एशियाई चैंपियनशिप पदक जीते हैं। हरियाणा पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष भी हैं। आरती केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी हैं।
मुश्किल भरा रहा सियासी सफर
हरियाणा में खिलाड़ियों के लिए राजनीति का सफर मुश्किल भरा रहा है। 2019 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तीन खिलाड़ियों दंगल गर्ल बबीता फोगाट, पहलवान योगेश्वर दत्त और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह को विधानसभा चुनाव मैदान में उतारा था। इनमें से सिर्फ संदीप सिंह पिहोवा सीट से जीत दर्ज की थी। बबीता फोगाट चरखी दादरी और योगेश्वर दत्त बरोदा सीट से हार गए। योगेश्वर को बरोदा उपचुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी इंदूराज नरवाल ने पटखनी दी थी।
मनोहर सरकार में खेल मंत्री रहे संदीप सिंह पर जूनियर महिला कोच के यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के कारण इस बार भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर दक्षिणी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज विजेंद्र सिंह अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। पूर्व क्रिकेटर कृष्णमूर्ति हुड्डा शुरुआत में राजनीति में खूब चमके, लेकिन धीरे-धीरे वे सियासत के पैवेलियन में बैठे रह गए। विधायक और मंत्री रहे कृष्णमूर्ति हुड्डा कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने के बाद साइड लाइन होते चले गए।
फिलहाल कृष्णमूर्ति हुड्डा भाजपा के साथ हैं। 1970 में बाक्सिंग रिंग से राजनीति में आए बीरेंद्र सिंह ने उचाना सीट से पांच बार जीत हासिल की। वे तीन बार हरियाणा में कैबिनेट मंत्री रहे। तीन बार सांसद बने और केंद्र में मंत्री भी रहे। इनका मुख्यमंत्री बनने का सपना अधूरा ही रह गया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रणबीर महेंद्रा सिर्फ एक बार विधायक बने है। 2009, 2014 और 2019 का चुनाव कांग्रेस के टिकट से हार गए थे।