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हरियाणा विधानसभा चुनाव में ED की एंट्री, पूर्व सीएम हुड्डा पर एक्शन से गर्माई सूबे की सियासत

हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Vidhansabha Chunav) को लेकर जारी राजनीतिक सरगर्मियों के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री ने चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है. ईडी ने हरियाणा में मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ा एक्शन ले डाला है. ED ने कार्रवाई करते हुए हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, ईमार इंडिया लिमिटेड (EMAAR) और MGF डेवलपमेंट लिमिटेड की 834 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है. ये संपति गुरुग्राम और दिल्ली के 20 गांवों में हैं.

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हुड्डा पर ED का एक्शन

ED ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी ने 401.65479 एकड़ में फैली और 834.03 करोड़ रुपये कीमत की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है, जो EMAAR इंडिया लिमिटेड (501.13 करोड़ रुपये) और MGF डेवलपमेंट्स लिमिटेड (332.69 करोड़ रुपये) से संबंधित हैं.

मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच

EMAAR और MGF डेवलपमेंट्स दोनों की गुरुग्राम में सेक्टर- 65 और 66 में आवासीय प्लॉट वाली कॉलोनी के लिए नगर और ग्राम आयोजना विभाग (DTCP) से 11 नवंबर, 2010 को प्राप्त लाइसेंस के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग के लिए जांच की जा रही है. ईडी ने हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, तत्कालीन निदेशक, DTCP, त्रिलोक चंद गुप्ता, EMAAR, MGF लैंड लिमिटेड और 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की.

भूमि अधिग्रहण के लिए धोखाधड़ी

प्रवर्तन निदेशालय के बयान में कहा गया है कि इस मामले में कई भूस्वामियों, आम जनता और हरियाणा राज्य, हुडा को भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 के तहत अधिसूचना जारी करके और बाद में धारा 6 के तहत भूमि के अधिग्रहण के लिए धोखाधड़ी करना शामिल है. इसने भूस्वामियों को अपनी जमीन को उक्त कॉलोनाइजर कंपनियों को प्रचलित बाजार दर से कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर किया गया था.

इसके अलावा, उन्होंने धोखाधड़ी और बेईमानी से अधिसूचित भूमि पर आशय पत्र (LOI) और लाइसेंस प्राप्त किए, जिससे संबंधित भूस्वामियों, आम जनता और हरियाणा राज्य और हुडा को नुकसान हुआ, जबकि खुद के लिए गलत तरीके से लाभ कमाया गया है.