पंजाब के जल स्रोत और भूमि एवं जल संभाल मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने सरकार द्वारा पेश किए तीसरे बजट को किसानों की भलाई और ग्रामीण इलाकों के लिए विकास-मुखी बताया है। उन्होंने कहा कि बजट के साथ राज्य में सिंचाई सुविधाएं अधिक मज़बूत होंगी। जौड़ामाजरा ने कहा कि राज्य में नहरी नैटवर्क को और मज़बूत करने के लिए वित्तीय साल 2024-25 के लिए सरकार ने 2,107 करोड़ रुपए का बजट रखा है, जो दर्शाता है कि सरकार जहाँ धरती निचले पानी को बचाने के लिए वचनबद्ध है, वहीं किसानों के लिए सिंचाई के स्थायी एवं दीर्घकाली प्रबंध करने के लिए तत्पर है।
जल स्रोत मंत्री ने कहा कि सिंचाई सुविधाओं को पहल देने वाले मुख्य मंत्री स. भगवंत सिंह मान की दूरअन्देशी सोच से प्रेरणा लेकर सरकार ने एक नए मालवा कैनाल प्रोजैक्ट का प्रस्ताव रखा है। इस पहलकदमी का लक्ष्य लगभग 1,78,000 एकड़ को कवर करना है, जिससे बठिंडा, फ़रीदकोट, फ़िरोज़पुर और श्री मुक्तसर साहिब ज़िलों को लाभ होगा। इस प्राजैक्ट का उदेश्य धरती निचले पानी पर निर्भरता को घटाना और रबी के सीज़न के दौरान ब्यास-सतलुज दरिया के पानी के कम प्रयोग वाले पंजाब के हिस्से को अनुकूल बनाना है।
उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री मान की सरकार ने लंबे समय से इंतजार किए जा रहे शाहपुर कंडी डैम प्रोजैक्ट में जल भंडार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ 37,173 हेक्टेयर की फ़ाल्तू सिंचाई सामर्थ्य पैदा होगी और साथ ही यू.बी.डी.सी. प्रणाली अधीन 1.18 लाख हेक्टेयर क्षेत्र यानी अमृतसर, गुरदासपुर, तरन तारन और पठानकोट में सिंचाई हो सकेगी। 206 मेगावाट की स्थापित सामर्थ्य वाला हाइडल पावर प्लांट जल्दी पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार की नेक-नियति से जल मार्गों की लाइनिंग के कामों को प्राथमिकता दी जा रही है और राज्य भर में 80 करोड़ रुपए के काम पहले ही शुरू किए जा चुके हैं। वित्तीय साल 2024-25 में नए प्रोजैक्टों-निर्माण/री-माडलिंग और लाइनिंग/री-लाइनिंग के कामों के लिए 143 करोड़ रुपए और राजस्थान और सरहिंद फीडर की री-लाइनिंग को पूरा करने के लिए 150 करोड़ रुपए आरक्षित रखे गए हैं।
उन्होंने कहा कि मान सरकार धरती निचले कम हो रहे पानी की समस्या प्रति सुचेत है। किसानों को सिंचाई के लिए भूमिगत पाईपलाईनें बिछाने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 194 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। उन्होंने कहा कि उपलब्ध ज़मीनी और धरती निचले स्रोतों की समझदारी को साथ प्रयोग करने के लिए सरकार द्वारा खेतों में विभिन्न जल संभाल तकनीकों जैसे सूक्ष्म सिंचाई और भूमिगत पाईपलाईनों को उत्साहित किया जा रहा है और चालू साल दौरान 13,016 हेक्टेयर क्षेत्र को इस का लाभ हुआ है। मिट्टी और पानी की संभाल के लिए 194 करोड़ रुपए के बजट के प्रस्ताव रखे गए हैं, जिनमें किसानों को सिंचाई के लिए भूमिगत पाईपलाईनें बिछाने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए दो नए नाबार्ड प्रोजैक्ट शुरू करने के प्रस्ताव शामिल हैं।
ज़िक्रयोग्य है कि पिछले वर्ष आई बाढ़ के कारण हुए नुक्सान को कम करने के लिए सरकार द्वारा तुरंत कार्यवाही करते हुए लगभग 3461 किलोमीटर ड्रेनों के सफ़ाई कार्यों और ज़मीनी स्तर पर 68 बाढ़ सुरक्षा प्रोजैक्टों को लागू करने के लिए 100 करोड़ रुपए अलाट किए गए। इसके इलावा लगातार बारिश और बाढ़ के पानी के कारण बड़ी नदियों में दरार को दूर करने के लिए 192 करोड़ रुपए ख़र्च किए गए।