सरकारी स्कूलों की तर्ज पर अब हरियाणा सरकार सरकारी कॉलेजों में भी नि:शुल्क शिक्षा व्यवस्था करने का विचार कर रही है. इसे लेकर सरकार योजना बना रही है. कॉलेजों के शुरू हुए नए सत्र में फिलहाल बेटियों और एससी विद्यार्थियों की ट्यूशन फीस माफ की गई है, भविष्य में यह छूट सभी विद्यार्थियों को मिल सकती है.
मुख्यमंत्री ने दिए संकेत
करनाल पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसके संकेत दिए हैं ताकि उच्च शिक्षा के लिए न तो अभिभावकों पर कोई बोझ पड़े और न ही गरीब परिवारों के बच्चों को दिक्कत हो. मौजूदा व्यवस्था में कॉलेजों में स्नातक की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों को कोर्स के हिसाब से सालाना हजारों रुपये की फीस देनी पड़ती है. ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर कई परिवारों के बच्चे कॉलेजों में दाखिला ही नहीं ले पाते. सरकारी कॉलेजों में कुछ कोर्स में फीस कम होती है, लेकिन प्रोफेशनल कोर्सों की पढ़ाई महंगी होने के कारण ऐसे विद्यार्थियों के समक्ष दिक्कत पेश आती है.
हर 20 km पर कालेज की व्यवस्था
प्रदेश में 182 राजकीय स्नातक महाविद्यालय हैं. इनमें से 61 गर्ल्स कॉलेज और 121 कॉलेज को- एजुकेशन हैं, जहां लड़के और लड़कियां एक साथ पढ़ाई करते हैं. 10 सालों में सरकार ने बेटियों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था करते हुए हर 20 किलोमीटर दूरी पर एक कॉलेज स्थापित किया है. अब सभी को निशुल्क शिक्षा देने पर विचार किया जा रहा है. सरकारी स्कूलों में किसी भी श्रेणी एवं वर्ग के विद्यार्थी से कोई भी फीस नहीं ली जाती है.
निःशुल्क शिक्षा देने पर विचार: सीएम
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा बच्चों की शिक्षा के लिए हमने इस प्रकार के कई निर्णय लिए ताकि मां- बाप पर भार न रहे और बच्चों पढ़ाई के लिए दिक्कत न रहे. कम आय वाले परिवारों की बेटियों को कॉलेज तक फ्री एजुकेशन देने का काम सरकार कर रही है. अन्य बच्चों के लिए भी विचार कर रहे हैं. 12वीं तक की शिक्षा में भी कई तरह की योजनाएं सरकार ने चलाई हैं. चाहे छात्रवृत्ति के माध्यम से उन्हें लाभ पहुंचाने की बात हो या चाहे बच्चों को अन्य और लाभ देने के लिए आगे बढ़ाने की, सरकार इस दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है.