हरियाणा सरकार (Haryana Govt) ने कूड़े- कचरे के सटीक प्रबंधन की दिशा में एक नई पहल की शुरुआत की है. राज्य में अब कचरे से बिजली पैदा की जाएगी. इससे न केवल शहर साफ रहेंगे बल्कि बिजली की डिमांड को पूरा करने में भी मदद मिलेगी. बता दें कि हरियाणा में हर साल बिजली की मांग में बढ़ोतरी हो रही है और इसके लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है.
MoU साइन
इस संबंध में आज चंडीगढ़ में हरियाणा और केन्द्र सरकार के बीच एक MoU साइन हुआ है. विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (NTPC) और गुरुग्राम- फरीदाबाद नगर निगमों के बीच यह एमओयू साइन हुआ है. इसके तहत, दोनों शहरों में केंद्र सरकार के सहयोग से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित किए जाएंगे. इससे न केवल शहरों से निकलने वाले कचरे का निपटान होगा, बल्कि इस कचरे से उर्जा की जरूरत भी पूरी हो सकेगी.
हरियाणा में बिजली उत्पादन में होगी वृद्धि
इस अवसर पर पूर्व सीएम एवं केंद्रीय उर्जा मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि हरियाणा के झाड़ली और खेदड़ में स्थित थर्मल पॉवर प्लांट में एक- एक यूनिट और लगाई जाएगी. इसके अलावा, यमुनानगर में 800 मेगावाट यूनिट क्षमता के नए दीनबंधु छोटूराम थर्मल पॉवर प्लांट का निर्माण कार्य भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. इससे हरियाणा को अतिरिक्त बिजली मिलेगी.
केंद्रीय उर्जा मंत्री का प्लान
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने देश में बढ़ रही बिजली की डिमांड को पूरा करने की कवायद शुरू कर दी है. उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश में पनबिजली परियोजनाओं का रास्ता साफ हो गया है. साल 2030 तक हाइड्रो- इलेक्ट्रिक परियोजनाओं के जरिए 500 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
बतौर मुख्यमंत्री हासिल की बड़ी उपलब्धि
बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते हुए मनोहर लाल ने न केवल बिजली विभाग को घाटे से उभारा था बल्कि लगभग 6 हजार गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति कर मनोहर मॉडल भी पेश किया था. उनके कार्यकाल के दौरान बिजली लाइन लॉस 37 प्रतिशत से घटकर 13% आ गया था.