लोकसभा चुनावों में 10 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली हरियाणा कांग्रेस (Haryana Congress) में इन दिनों अलग ही उर्जा का संचार हो रहा है. शून्य से 5 सीटों पर जीत का सफर करने वाली कांग्रेस पार्टी ने अब इसी साल अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कमर कस ली है. वहीं, लोकसभा चुनावों के दौरान भीतरघात करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई अमल में लाने की बात कही गई है.
सभी जिलों में होंगे कार्यकर्ता सम्मेलन
मंगलवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में बेहतर नतीजों के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार जताने के लिए जिलावार कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करने का फैसला लिया है. 11 दिनों में सभी 22 जिलों के कार्यकर्ता सम्मेलन का कार्यक्रम पार्टी की ओर से घोषित किया गया है. वहीं, 15 जुलाई के बाद सभी विधानसभा सीटों पर कार्यक्रम आयोजित होंगे.
ये रहेगा शेड्यूल
16 जून को सुबह 11 बजे करनाल और दोपहर बाद 3 बजे कुरुक्षेत्र में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन होगा. 21 जून को सुबह सोनीपत और दोपहर बाद पानीपत, 22 जून को सुबह जींद और शाम को कैथल, 23 जून को सुबह अंबाला, दोपहर 2 बजे यमुनानगर और शाम को 4 बजे पंचकूला जिला में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.
इसके बाद, 28 जून को सुबह फरीदाबाद और शाम को पलवल, 29 जून को सुबह चरखी दादरी और दोपहर बाद भिवानी, 30 जून को सुबह नारनौल और शाम को रेवाड़ी जिले में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित होगा. 7 जुलाई को सुबह नूंह और शाम को गुरुग्राम में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करने का फैसला पार्टी द्वारा लिया गया है.
इसी तरह 12 जुलाई को सुबह 11 बजे सिरसा और दोपहर बाद 3 बजे फतेहाबाद, 13 जुलाई को सुबह 11 बजे हिसार तथा 14 जुलाई को सुबह 11 बजे रोहतक और शाम को झज्जर में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन होगा.
जिताऊ चेहरों को ही मिलेगा टिकट
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा ने स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव में भी जिताऊ उम्मीदवारों को ही टिकट दिया जाएगा. हर विधानसभा लेवल पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. माना जा रहा है कि इन कार्यक्रमों के दौरान ही विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के लिए भी सर्वे होगा.
उन्होंने बताया कि कांग्रेस हाईकमान ने लोकसभा चुनावों में टिकट आवंटन भी सर्वे के आधार पर ही किया था. सर्वे के आधार पर टिकट देने का फायदा यह हुआ कि कांग्रेस सभी 10 सीटों पर कांटे की टक्कर में खड़ी नज़र आई और 5 सीटों पर जीत हासिल कर बीजेपी को कड़ी चुनौती पेश कर रही है.