‘राज्य में नीली क्रांति की तरफ अहम कदम उठाते हुए पंजाब सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023- 24 दौरान मत्सय पालन अधीन 1942 एकड़ क्षेत्रफल बढ़ाने में सफलता हासिल की है।’ इस बात की जानकारी पशु पालन, डेयरी विकास और मत्सय पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने दी।
उन्होंने बताया कि एक साल में यह क्षेत्रफल 42,031 एकड़ से 43,973 एकड़ हो गया है। उन्हाेंने राष्ट्रीय मत्सय पालक दिवस के मौके पर राज्य के सभी मछली और झींगा पालकों को शुभकामनाए देते हुए कहा कि वह दूसरे किसानों को भी मत्सय पालन का धंधा अपनाने के लिए प्रेरित किया क्योंकि पंजाब सरकार मछली पालन को खेती के सहायक पेशे के तौर पर उत्साहित करने के लिए हर संभव यत्न कर रही है जिससे किसानों की आमदन में विस्तार किया जा सके।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 16 सरकारी मछली पूंग फार्मों से मछली पालकों को किफ़ायती दरों पर मानक मछली पूंगा मुहैया करवाए जा रहे है। उन्होंने बताया कि झींगा पालकों की सुविधा के लिए ज़िला श्री मुक्तसर साहिब के गाँव ईना खेड़ा में स्थित डैमोनस्ट्रेशन फार्म- कम- प्रशिक्षण सैंटर में सेवाएं प्रदान की जा रही है। खुड्डियां ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा खारे पानी के साथ प्रभावित दक्षिण- पश्चिमी जिलों में झींगा की खेती को भी उत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि 1315 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में किसान झींगा की खेती कर रहे है।
उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार द्वारा मछली और झींगा के तालाब, मछली ट्रांसपोर्ट वाहनों की खरीद, मछली क्योसक/ दुकानों, कोल्ड स्टोरेज प्लांट, मछली फीड्ड मीलों और सजावटी मछली सम्बन्धित ईकाईयों जैसे अलग- अलग प्रोजैक्टों को अपनाने के लिए 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। पंजाब सरकार ने लगभग 25 करोड़ रुपए की सब्सिडी दे कर 450 लाभपात्रियों को स्व- रोज़गार मुहैया करवाया है।
बता दे कि राष्ट्रीय मछली पालक दिवस प्रसिद्ध विज्ञानी डा. हीरालाल चौधरी और डा. केएच अलीकुनही की याद में मनाया जाता है। उन्होंने 10 जुलाई, 1957 को भारत में पहली बार कार्प मछलियों के प्रजनन के द्वारा भारतीय मछली पालन के क्षेत्र में क्रांति लाई थी ।