प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (Banned Tehreek-e-Taliban Pakistan- TTP) ने रविवार को ईद-उल-अजहा के मुस्लिम त्योहार (Muslim festival of Eid-ul-Azha) के दौरान पाकिस्तानी सरकार के साथ तीन दिवसीय संघर्ष विराम (Three-day ceasefire) की घोषणा की. पाकिस्तान में ईद-उल-अजहा 17 से 19 जून तक मनाई जा रही है. एक बयान में टीटीपी ने कहा कि उसने पाकिस्तानी लोगों की मांग पर संघर्ष विराम की घोषणा करने का फैसला किया है।
प्रतिबंधित समूह ने कहा कि अगर सुरक्षा बलों की ओर से हमला किया जाता है तो उसके लड़ाके खुद का बचाव करेंगे. एक पेज के बयान पर TTP के अमीर मुफ्ती अबू मंसूर आसिम ने हस्ताक्षर किए हैं. यह दूसरा मौका था जब TTP ने 2021 के बाद संघर्ष विराम की घोषणा की. पिछला संघर्ष विराम 2022 में समाप्त हुआ था।
2007 में कई आतंकवादी संगठनों के एक छत्र समूह के रूप में स्थापित टीटीपी को अल-कायदा के करीब माना जाता है. इस समूह को पाकिस्तान भर में कई घातक हमलों के लिए दोषी ठहराया गया है, जिनमें 2009 में सेना मुख्यालय पर हमला, सैन्य ठिकानों पर हमले और 2008 में इस्लामाबाद के मैरियट होटल पर बम विस्फोट शामिल हैं।
पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम में टीटीपी का प्रमुख कमांडर मारा गया
पाकिस्तान के अशांत खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में रविवार को टीटीपी का एक शीर्ष आतंकवादी कमांडर मारा गया. एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, टीटीपी कमांडर वलीउल्लाह को बन्नू के आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी) ने प्रांत के लक्की मरवत जिले में खुफिया जानकारी के आधार पर एक अभियान में मार गिराया।
यह अभियान ताजुरी रोड पर मलंग अड्डा के पास चलाया गया, जिसके बाद हथियारबंद आतंकवादियों ने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी. अखबार ने बताया कि सुरक्षा बलों की जवाबी गोलीबारी में वलीउल्लाह मारा गया. अखबार ने बताया कि वह टीटीपी टीपू गुल समूह का स्थानीय कमांडर था और कमांडर अतीकुर रहमान उर्फ टीपू गुल मरवत का दामाद था। वलीउल्लाह सीटीडी बन्नू, डीआई खान और स्थानीय पुलिस पर बम विस्फोटों और पुलिस और सुरक्षा बलों पर हमलों के कई मामलों में वांछित था।