लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) में यूपी (UP) के नतीजों से भाजपा (BJP) परेशान है। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप है। पार्टी का करीब आठ फीसदी वोट चोरी हो गया है। पार्टी मंथन में जुट गई है। इस चोरी का पता लगाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित (Special task force formed) की जा रही है। इस फोर्स में संगठन के पदाधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि तक सबको जगह मिलेगी। सब क्षेत्र में जाएंगे। गांव-गली, मोहल्लों में जाकर पता करेंगे कि इतनी रखवाली के बावजूद आखिर वोटों की चोरी कैसे हो गई। इसमें कौन-कौन शामिल थे।
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन चुकी है। मगर यूपी को लेकर पार्टी नेतृत्व के मन में भारी टीस है। समझ नहीं आ रहा कि सुरागरशी कैसे हो ताकि देश के सबसे बड़े सूबे में पार्टी की सियासी जमीन खिसकने के कारणों का पता लग सके। यूपी की हार को लेकर दिल्ली और यूपी के अपने तर्क हैं। मगर सच्चाई यह है कि 2019 में अकेले दम पर करीब 50 फीसदी वोट लाने वाली भाजपा अबकी बार 41 फीसदी का आंकड़ा पार करते में हांफ गई। यूपी की हार से दिल्ली बेहद चिंतित है। हार के कारणों का पता लगाने की कवायद शुरू हो चुकी है।
इसी सप्ताह कारण तलाशने निकलेंगी टीमें
पहले दौर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन केंद्रीय नेताओं से अलग-अलग भेंटकर चर्चा कर चुके हैं। बुधवार को प्रदेश मुख्यालय में फिर प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन ने चर्चा की। तय किया गया है कि प्रदेश की सभी सीटों पर हार के कारणों का पता लगाने के लिए स्पेशल टीमें गठित की जाएं। इन्हें हर जिले में लोकसभा और विधानसभा स्तर तक भेजा जाए। इसके लिए 50 से 60 चेहरे चुन लिए गए हैं।
इसमें संगठन के पदाधिकारियों के साथ ही ऐसे विधायक और राज्यसभा सांसद शामिल होंगे, जो संगठन की बैकग्राउंड वाले हैं। इन्हें वो सारे कारण पता लगाने होंगे, जो पार्टी की हार का कारण बने। हारी सीटें जीतना तो दूर, जीती हुई सीटें तक गंवानी पड़ी। टीमें यह भी पता लगाएंगी कि आखिर पार्टी के अगड़े-पिछड़े वोट बैंक में सेंध कैसे लगी। पार्टी के पास इतना बड़ा तंत्र होने के बावजूद चूक कहां-कहां और किस स्तर पर हुई। पार्टी सूत्रों की मानें तो इसी सप्ताह इन टीमों को लोकसभा क्षेत्रों में भेजा जाएगा।