यूपी (UP) के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों पर चयन प्रक्रिया को तेज करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और विभिन्न चयन आयोगों के अध्यक्षों (Chairmen of Selection Commissions) के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि चयन परीक्षाओं की शुचिता के साथ खिलवाड़ कतई स्वीकार नहीं हैं. भर्ती परीक्षाओं की शुचिता, गोपनीयता और पारदर्शिता के लिए व्यापक सुधार किए जाएंगे. सीएम ने कहा कि पेपरलीक कराने वालों और सॉल्वर गैंग के खिलाफ कठोरतम करवाई की जाएगी. बता दें कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सॉल्वर गैंग, पेपर लीक कराने जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए नया कानून तैयार किया जा रहा है.
‘सरकारी या वित्त पोषित शिक्षण संस्थान ही परीक्षा केंद्र बनेंगे’
मीटिंग के दौरान सीएम योगी ने कहा कि केवल सरकारी या वित्त पोषित शिक्षण संस्थान ही अब परीक्षा केंद्र बनेंगे. यहां हर रूम सीसीटीवी की निगरानी में होगा. उन्होंने कहा कि हर पाली में 02 या दो से अधिक पेपर सेट जरूर होने चाहिए, प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसी का माध्यम से कराई जानी चाहिए. शुचिता और गोपनीयता के दृष्टिगत चयन आयोगों को परीक्षा से पूर्व, परीक्षा के दौरान और परीक्षा के बाद शासन स्तर के शीर्ष अधिकारियों और STF के सम्पर्क में रहना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा केंद्र आवंटन में महिलाओं और दिव्यांगों की आवश्यकताओं का ध्यान रखें, तलाशी लेने के लिए महिलाकर्मियों की तैनाती जरूर हो. इसके साथ ही सीएम योगी ने प्रदेश में रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया तेज करने के विभागों को निर्देश दिए.
‘हर अपराधी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो’
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पेपर लीक अथवा सॉल्वर गैंग जैसी अराजक गतिविधियों को स्वीकार नहीं किया जा सकता, ऐसे अपराध में संलिप्त हर अपराधी के खिलाफ ऐसी कठोरतम कार्रवाई की जाए, जो नजीर बने. ऐसे प्रकरणों में अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कठोर कानून लाया जाना जरूरी है. इसके लिए जल्द से जल्द जरूरी कदम उठाए जाएं.
भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर समय से जारी करें: सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि चयन आयोगों से अपेक्षा है कि वे भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर समय से जारी करें और कड़ाई के साथ उसका अनुपालन करें. कैलेंडर के अनुसार परीक्षा न होने से अभ्यर्थियों को असुविधा होती है, इसका ध्यान रखा जाए. सभी चयन आयोग परस्पर समन्वय के साथ यह सुनिश्चित करें कि एक दिन में एक ही परीक्षा आयोजित की जाए. ऐसा होने से एक ओर जहां परीक्षा आयोजकों/स्थानीय प्रशासन को व्यवस्था बनाने में आसानी होगी, वहीं युवाओं को भी सुविधा होगी.
‘परीक्षा केंद्र निर्धारण में महिलाओं और दिव्यांगों का ध्यान रखें’
मुख्यमंत्री ने कहा कि चयन परीक्षाओं के सेंटर के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज अथवा साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ख्याति प्राप्त सुविधा संपन्न वित्त पोषित शैक्षिक संस्थान ही सेंटर बनाए जाएं. सेंटर वहीं होंगे, जहां सीसीटीवी की व्यवस्था होगी. यह भी सुनिश्चित कराएं कि परीक्षा केंद्र नगरीय क्षेत्र में ही हों. परीक्षा केंद्र निर्धारण में महिलाओं और दिव्यांगों का ध्यान रखा जाए.
‘जिलाधिकारी को भी व्यवस्था से जोड़ें’
बैठक के दौरान सीएम योगी ने आदेश दिए कि अगर एडेड कॉलेज को सेंटर बनाया जाता है, तो संबंधित प्रबंधक परीक्षा व्यवस्था में कहीं से भी सम्मिलित न हो. केंद्र व्यवस्थापक के रूप में दूसरे संस्थान के प्रधानाचार्य को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. जिलाधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक को भी व्यवस्था से जोड़ें. गड़बड़ी हुई तो इनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी.
‘भर्ती प्रक्रिया में अनावश्यक देरी न की जाए’
सीएम योगी ने कहा कि पेपर सेट करने की प्रक्रिया, उनकी छपाई, कोषागार तक पहुंचाने, कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की व्यवस्था, परीक्षा के बाद OMR आयोग तक पहुंचाने, OMR की स्कैनिंग, परिणाम तैयार करने सहित पूरी व्यवस्था में व्यापक सुधार की जरूरत है. अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग एजेंसियों का उपयोग करें. एजेंसी के रिकॉर्ड की भलीभांति जांच करने के बाद ही दायित्व दें. परीक्षाओं की शुचिता के संबंध में आवश्यक सुधार की यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव में लाएं. नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की गई है, उसका उपयोग किया जाए. सभी विभाग नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजने से पहले नियमावली का बारीकी से परीक्षण करें. भर्ती प्रक्रिया में अनावश्यक देरी न की जाए.